बेगूसराय : बढ़ते अपराध के बीच पुलिस का धौंस अपराधियों के जगह आम जनता पर अब दिख रहा है। दरअसल, पूरा मामला बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर से सामने आ रही है जहां पुलिस पर दो महिला और नाबालिग को थाने लाकर बेरहमी से पिटाई का आरोप लगा है। महिला और नाबालिग का बस इतना ही कसूर था कि इन्होंने गलत तरीके से गिरफ्तारी पर आपत्ति जताई थी। फिलहाल तीनों घायलों का इलाज बेगूसराय सदर अस्पताल में चल रहा है।
वहीं पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री, डीजीपी और डीएम से न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही महिला सहित अन्य पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि महिला पुरुष दोनों पुलिस कर्मियों ने इनके साथ बदसलूकी की है और उनके उपर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए। बताया जा रहा कि राजद नेता रामशखा महतों के दामाद को पुलिस ने हिरासत में लिया था। छोड़ने एवज में मोटी रकम की मांग की गई थी। विरोध करने पर पुलिस गुंडागर्दी पर उतर आई और राजद नेता के परिवार को बेरहमी से पीटाई कर डाली बाद में पीआर बांड पर महिलाओं को छोड़ा गया।
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वहीं दूसरी तरफ प्रेस रिलीज जारी कर बेगूसराय एसपी मनीष कुमार ने बताया कि ऐसी कोई घटना नहीं पुलिस के द्वारा की गई है। आरोपकर्ताओं द्वारा लगाए गए पुलिस पर सारे आरोप निराधार है। एक बार फिर इस तरह की घटना ने पुलिस कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। परिवार का कहना है कि आखिर इस तरह से कार्रवाई क्यों की गई।
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अजय शास्त्री की रिपोर्ट