धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले से पासपोर्ट वेरिफिकेशन में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला प्रिंस खान के फर्जी पासपोर्ट से जुड़ा है, जिसके आधार पर वह दुबई भागने में सफल रहा। जांच में खुलासा हुआ कि उसने यह पासपोर्ट हैदर अली के नाम से बनवाया था और इस दौरान पुलिस वेरिफिकेशन प्रक्रिया में गंभीर चूक हुई।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला बैंक मोड़ थाना क्षेत्र का है, जहां पासपोर्ट वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी तत्कालीन एसआई कालिकाराम को सौंपी गई थी। आरोप है कि वेरिफिकेशन के समय आवश्यक दस्तावेजों और पहचान की सही तरीके से जांच नहीं की गई। इस लापरवाही के चलते प्रिंस खान ने दूसरे व्यक्ति के नाम पर पासपोर्ट हासिल कर लिया और विदेश भागने में सफल हो गया।
सीआईडी की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि वेरिफिकेशन प्रक्रिया में लापरवाही बरती गई थी। इसके चलते पुलिस विभाग ने तत्कालीन एसआई कालिकाराम पर गाज गिराते हुए उन्हें ब्लैक मार्क किया है। इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार, हैदर अली के नाम पर बना यह फर्जी पासपोर्ट ही प्रिंस खान के दुबई भागने का माध्यम बना। यह घटना न केवल पासपोर्ट वेरिफिकेशन सिस्टम में मौजूद खामियों को उजागर करती है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चेतावनी है कि ऐसे मामलों में सतर्कता और जांच प्रक्रिया को और मजबूत करने की जरूरत है।
सीआईडी फिलहाल इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है और आशंका जताई जा रही है कि जांच में अन्य लोगों की भूमिका भी सामने आ सकती है। इस खुलासे ने जिले में पासपोर्ट सत्यापन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।