नवजात को पुल से गंगा में फेका, देवदूत बनकर पुलिस ने बचायी जान

भागलपुर : भागलपुर में लड़की के जन्म लेते ही मां ने अपने नवजात बच्चे को विक्रमसिला पुल से गंगा में फेक दिया। एक पुलिसकर्मी ने देवदूत बनकर नवजात बच्ची की जान बचा ली। बताया जा रहा है की बेटी पैदा होने के बाद मां-बाप ने उसे पुल से नीचे गंगा में फेंक दिया। लेकिन जिस बैग में बच्ची थी वह गार्डन पर अटक गया उसके बाद बच्ची के रोने की आवाज सुनकर राहगीर ने पुलिस को सूचना दी। वहां पहुंचे पुलिसकर्मी ने रेलिंग के पर जाकर बच्ची को बचा लिया। पूरा मामला भागलपुर से सामने आया है जहां लोगों का दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आया है। जन्म लेते ही बच्ची को उसके मां-बाप ने त्याग दिया और विक्रमशिला पुल से नीचे गंगा नदी में फेंक दिया।

हालांकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जिस बैग में बच्ची को डालकर फेंका गया था वह बैग रेलिंग के किनारे में लगे गार्डन पर जाकर टिक गया। वहां से गुजर रहे राजगीर ने जब बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी ने अपनी जान पर खेल कर उसे बचाया। दरअसल, नवगछिया को भागलपुर शहर से जोड़ने वाले विक्रमशिला पुल से जब एक राहगीर गुजर रहे थे तो उन्होंने बच्ची के रोने की आवाज सुनी। गंगा नदी पर बने विक्रमशिला पुल के बिजली संख्या-113 के पास इस बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी। राहगीर ने इसकी जानकारी वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिस को दी।

बिहार पुलिस के जवान ने रात के अंधेरे में जान हथेली पर रखकर गार्डन पर चढ़कर बच्ची को वहां से सुरक्षित निकाल लिया। नवजात बच्ची को थैली में कपड़े से लपेटकर गंगा नदी में फेंक दिया था। गनीमत रहा कि पुलिस कर्मियों को इसकी सूचना मिल गई और एसडीओ और डीएसपी को इसकी सूचना दी गई। जिसके बाद बच्ची को इलाज के लिए जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज अस्पताल मायागंज में भर्ती कराया गया। अब उसे बच्ची को चाइल्ड लाइन के सहयोग से अनाथालय में रखा जाएगा। वहीं भागलपुर के एसएसपी आनंद कुमार ने बताया की ये मानवता को शर्मशार करने वाली घटना है। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है।

अजय कुमार की रिपोर्ट

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