मांझी के बयान पर फिर बैकफुट पर बिहार सरकार, जदयू ने सीएम नीतीश से बात करने की दी सलाह

पटना : बिहार में शराबबंदी को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बयान से नीतीश सरकार बैकफुट पर आ गयी है. बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है. मांझी के बयान पर जदयू, बीजेपी, राजद और कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. जदयू ने कहा कि अगर उन्हें कोई दिक्कत है तो वे सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करें. मीडिया में इस तरह की बयानबाजी से मांझी को बचना चाहिए.

जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के बयान पर कहा कि अगर उन्हें शराबबंदी कानून से संबंधित कोई सवाल हो या कोई अन्य मुद्दा है तो वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत कर सकते हैं. ताकि वे इसका निपटारा कर सके. मांझी को सलाह देते हुए जदयू प्रवक्ता ने कहा कि सार्वजनिक जगहों पर इस तरह का बयान न दें. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बिहार में चार दलों के सहयोग से एनडीए की सरकार है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन सभी चार दलों के नेता हैं. सर्वसम्मति से बिहार विधानमंडल से शराबबंदी कानून को पूरे राज्य में लागू किया गया है. अगर उन्हें कोई बात करनी है तो वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करें.

मांझी के दिये गए बयान पर बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने सुझाव देते हुए कहा कि वे वरिष्ठ नेता हैं. वरिष्ठ नेता होने के नाते उन्हें मिल बैठकर बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में सारी चीजें स्पष्ट है. यहां कोई भी व्यक्ति चाहे कितना भी बड़ा या छोटा हो, अगर वे शराब पीते या शराब बिक्री करते हुए पाया जाता है तो उनपर कार्रवाई होगी. बड़े-बड़े लोग गिरफ्तार हुए हैं. लेकिन उन्हें गलत जानकारी है कि सिर्फ छोटे लोग गिरफ्तार हो रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि मांझी पूरी जानकारी लें फिर उस पर बयान दें.

राजद नेता श्याम रजक ने कहा कि वरिष्ठ नेता जीतनराम मांझी सरकार में हैं. उन्हें सरकार से बातचीत करनी चाहिए. वे जिस तरीके से बयान देते हैं उससे उन्हीं का कद हल्का हो रहा है. श्याम रजक ने कहा कि राजद पार्टी शराबबंदी का पक्षधर है. लेकिन जिस तरह से कार्रवाई हो रही है वो गलत है. इस पर हमारा भी मतभेद है. जीतनराम मांझी को अपनी ताकत व शक्ति का प्रयोग करना चाहिए.

कांग्रेस एमएलसी समीर सिंह ने कहा कि अगर शराबबंदी की जांच कराएंगे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी पता चल जायेगा. कांग्रेस पार्टी शराबबंदी कानून का खुलेआम समर्थन करती है. बिहार में शराबबंदी लागू होना चाहिए. शराबबंदी के समर्थन में अगर जीतनराम मांझी बोले या कोई दूसरा नेता बोले इसका स्वागत होनी चाहिए. लेकिन शराब पीते या बिक्री करते हुए कोई पाया जाता है तो उसपर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए.

बता दें कि मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि ये ओपन सीक्रेट है, ये सत्य है कि जो बड़े लोग हैं, जो ठेकेदार हैं, धनवान हैं, इंजीनियर हैं, डॉक्टर हैं, आईएएस हैं, आईपीएस हैं, ये सभी रात में 10 बजे के बाद लिमिट में शराब पीते हैं, लेकिन दुनिया नहीं जानती है कि वो शराब पीते हैं.

रिपोर्ट: शक्ति

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