झारखंड में राजनीतिक हलचल: हेमंता बिस्वा शर्मा का बयान और जेएमएम की तीखी प्रतिक्रिया

झारखंड में राजनीतिक हलचल: हेमंता बिस्वा शर्मा का बयान और जेएमएम की तीखी प्रतिक्रिया

रांची: झारखंड की राजनीति में हाल के दिनों में एक नया मोड़ आया है। असम के मुख्यमंत्री और झारखंड बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी हेमंता बिस्वा शर्मा ने हाल ही में एक बयान देकर झारखंड की राजनीतिक गर्मी को और बढ़ा दिया है। शर्मा ने दावा किया कि वर्तमान में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस के 12 से 14 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं। उनका कहना है कि बीजेपी ने नए विधायकों के लिए वैकेंसी बंद कर दी है, और अब पार्टी केवल उन नेताओं को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो पहले से ही संपर्क में हैं।

हेमंता बिस्वा शर्मा का बयान झारखंड की राजनीति में एक नई हलचल का संकेत देता है। शर्मा ने स्पष्ट किया कि पार्टी किसी को शामिल करने के लिए  किसी पर कोई दवाबद दे रही है और न ही कोई अपराध कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता भी अब नए लोगों को शामिल करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, इसलिए वैकेंसी बंद कर दी गई है।

झारखंड विधानसभा
झारखंड विधानसभा

इसके जवाब में हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सोरेन ने कहा कि बीजेपी विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है और कोल्हान क्षेत्र में उनकी सक्रियता बढ़ गई है। सोरेन ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता शिवराज सिंह चौहान, जो झारखंड बीजेपी के चुनाव प्रभारी हैं, भी इसी प्रयास में लगे हुए हैं।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार और पार्टी इस स्थिति का डटकर सामना करेंगी और किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आगामी चुनावों में राजनीतिक समीकरण कैसे बदलेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। वर्तमान में, स्थिति अस्थिर और जटिल है, जिसमें पार्टियों के बीच जोड़-तोड़ और सत्ता संघर्ष की संभावना बनी हुई है

हेमंता बिस्वा शर्मा के इस बयान को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं:

  1. विधायकों की संभावनाएँ और स्थिति: शर्मा का दावा है कि कई विधायकों के संपर्क में हैं, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि ये बयान केवल चर्चा में बने रहने के लिए हो सकते हैं। अगर ये विधायक बीजेपी में शामिल होते हैं, तो यह राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकता है।
  2. विधायकों की संभावित जॉइनिंग: हेमंता शर्मा ने खुलासा किया कि बीजेपी में शामिल होने के इच्छुक विधायकों के लिए वैकेंसी बंद कर दी गई है। इससे स्पष्ट होता है कि बीजेपी अपने मौजूदा कार्यकर्ताओं और नेताओं को प्राथमिकता देना चाहती है, और नए विधायकों को शामिल करने में उतनी रुचि नहीं दिखा रही है।
  3. राजनीतिक रणनीति और तर्क: हेमंता शर्मा का बयान यह भी दिखाता है कि बीजेपी के लिए यह स्थिति एक रणनीतिक खेल हो सकता है। झामुमो और कांग्रेस को चुनौती देने के लिए बीजेपी इस खेल को अपनी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मान रही हो सकती है। साथ ही, अगर इन विधायकों के खिलाफ कोई भी ठोस कार्रवाई होती है, तो इससे पार्टी के भीतर की असंतोष भी खुलकर सामने आ सकता है।
  4. हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया: हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया है कि बीजेपी विधायकों को खरीदने के प्रयास में लगी है। यह बयान दर्शाता है कि सोरेन भी इस स्थिति को गंभीरता से ले रहे हैं और उन्होंने बीजेपी की इस रणनीति का विरोध किया है। यह भी संकेत करता है कि सोरेन का पक्ष मजबूत करना और अपने विधायकों को संजीवनी प्रदान करना उनकी प्राथमिकता हो सकती है।

हेमंता बिस्वा शर्मा का हालिया बयान झारखंड की राजनीति में एक नई हलचल का संकेत है। शर्मा के दावे के अनुसार, जेएमएम और कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं, जबकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी ने नए विधायकों के लिए वैकेंसी बंद कर दी है। इस बयान ने राजनीतिक वातावरण को और गर्मा दिया है और संभावित राजनीतिक परिदृश्य को जटिल बना दिया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तीखी प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि वे बीजेपी के प्रयासों को गंभीरता से ले रहे हैं और उनकी सरकार इस स्थिति का डटकर सामना करने का इरादा रखती है। सोरेन का आरोप है कि बीजेपी विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है, जो कि एक गंभीर राजनीतिक आरोप है और इससे आगामी चुनावी रणनीतियों में बदलाव की संभावना है।

इस सब के बीच, एक बात साफ है कि झारखंड की राजनीति में उथल-पुथल का दौर जारी है और आगामी चुनावों में राजनीतिक समीकरण किस दिशा में बदलते हैं, यह देखने लायक होगा। बीजेपी की रणनीति और जेएमएम की प्रतिक्रियाओं से यह संकेत मिलता है कि राजनीतिक जोड़-तोड़ और सत्ता संघर्ष की स्थितियों में अस्थिरता बनी रहेगी।

 

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