रांची: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने समापन भाषण दिया. समापन भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान कुल पांच विधेयकों को स्वीकृति मिली. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के ऊपर जो पिछड़ेपन का धब्बा लगा है, उसे मिटाने के लिए सरकार कटिबद्ध है. उन्होंने बेरोजगारी, कुपोषण जैसे मुद्दे को लेकर झारखंड को देश का पिछड़ा राज्य बताया. जेपीएससी मामले में उन्होंने कहा कि जिस मामले को विपक्ष उठा रही है, उस मुद्दे पर उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी. उन्होंने जेपीएससी के अन्य परीक्षा के परिणाम पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने आरक्षित श्रेणी से अधिक अंक लाकर परीक्षा पास की है. लेकिन मनुवादी नहीं चाहते कि आरक्षित वर्ग के लोग भी ऊपर आएं.
उन्होंने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना में लाभुकों के लक्ष्य को सीमित नहीं रखा गया है. इस योजना के लाभुक के रूप में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों सहित दिव्यांगों और परित्यक्ताओं को पेंशन देने की योजना है. धोती, साड़ी, लुंगी योजना के तहत दस रूपए में बीपीएल परिवार के लोगों को कपड़ा उपलब्ध कराना. खाद्य आपूर्ति विभाग ने गरीबों को हरा कार्ड जारी कर लाखों परिवार के सदस्यों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है. भाजपा सरकार के कार्यकाल में दर्जनों लोगों की मौत भात-भात करते हुए भूख से हो गयी थी. लेकिन वर्तमान सरकार ने लॉक डॉउन के दौरान किसी को भूखे नहीं रहने दिया.
हेमंत सोरेन ने आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि अब विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों की सक्रियता नजर आ रही है. वे जनता के बीच साइकिल, मोटर साइकिल, ट्रैक्टर और ट्रक सहित अन्य वाहनों से सुदूरवर्ती गांवों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए जा रहे हैं.
सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर उन्होंने कहा कि मैं बहुत कम समय सोशल मीडिया का उपयोग करता हूं. उन्होंने सोशल मीडिया की उपयोगिता का जिक्र करते हुए लाभुकों को योजना का लाभ दिलाने संबंधी चर्चा की, साथ ही उदाहरण भी दिया.
क्षेत्रिय भाषाओं पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि परंपरा को जीवित रखने के लिए भाषा का क्षेत्रिय भाषाओं का संरक्षण करना जरूरी है. हम जब अन्य क्षेत्रों में जाते हैं, तो वहां के लोग हिंदी भाषा को नहीं समझते हैं. बल्कि क्षेत्रिय भाषा में ही बात करते हैं, इसलिए क्षेत्रिय भाषाओं को बढ़ावा देना जरूरी है.
हेमंत सोरेन ने झारखंड की खनिज संपदा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि देश के 42 प्रतिशत खनिज संपदाओं का भंडारण हमारे राज्य में है. लेकिन यहां के लोग बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं. केन्द्र सरकार ने कोल फिल्ड और खदानों से सिर्फ कोयले का उत्खनन किया है, रिफिलिंग का नहीं सोचा. जिसके कारण राज्य की आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है. उन्होंने झरिया, धनबाद, गिरिडीह, गोड्डा सहित अन्य स्थान पर उपलब्ध कोयला के खदानों के समीप रहने वाले लोगों के प्रति साहनुभूति प्रकट की. उन्होंने कहा कि खदानों से जुड़े लगभग लोगों की जांच की जाए, तो वे टी.बी. से ग्रसित पाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने झारखंड आंदोलकारियों को याद कर उन्हें पेंशन की राशि सहित अन्य लाभ देने की बात कही है. उन्होंने झारखंड आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियों को भी याद किया और उनसे संबंधित योजनाओं पर क्रियान्विति की बात कही.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के कारण सरकार की गति थोड़ी धीमी हो गयी थी. लेकिन कोरोना काल में सरकार ने काम किया. कार्य योजनाएं तैयार की, उन कार्य योजनाओं पर स्थिति सामान्य होने पर कार्रवाई की जा रही है. इन योजनाओं को लाभ लाभुकों को दिया जा रहा है.
रिपोर्ट- डेस्क