प्रशांत ने कहा- NDA और INDIA गठबंधन से त्रस्त हैं बिहारी

प्रशांत ने कहा- NDA और INDIA गठबंधन से त्रस्त हैं बिहारी

बेतिया : लोकसभा चुनाव में धीरे-धीरे तेजी आ रही है। नेताओं का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कल बिहार में चौथे चरण का चुनाव होना है। इस बीच जन सुराज‌ के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एनडीए और इंडिया गठबंधन पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि बिहार के लोग एनडीए और इंडिया गठबंधनों की राजनीति से त्रस्त हो चुके हैं। दोनों गठबंधनों के नेताओं की कारस्तानियों से जनता परेशान हो गए हैं इसलिए नए विकल्प की तलाश में हैं।

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प्रशांत किशोर ने कहा कि यहीं कारण है कि अभी तक तीन चरणों के संपन्न हुए संसदीय चुनाव में मतदाताओं में कोई उत्साह नहीं दिखाई दिया है, जिस कारण वोट प्रतिशत कम हुआ है। जारी एक बयान में जिला प्रवक्ता प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी ई. सिकंदर चंद्रा ने दी है। चंद्रा ने बताया कि बिहार की जनता एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों से त्रस्त है किन्तु विकल्प के अभाव में इन्हीं में से किसी को मतदान करने को मजबूर हैं। प्रशांत किशोर ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि बिहार के लोग लालू प्रसाद यादव के डर से भाजपा को और भाजपा के डर से लालू यादव को वोट देते हैं। आज इस संसदीय चुनाव में भी यही स्थिति दिखाई दे रही है।

प्रशांत किशोर के हवाले से मुख्य जिला प्रवक्ता गेयासुद्दीन शेख ने बताया कि बिहार की जनता लालू प्रसाद यादव के 15 सालों के जंगलराज को याद करते ही कांपने लगते हैं। यहां के लोग 9वीं कक्षा फेल तेजस्वी यादव को कत्तई नेता मानने को तैयार नहीं है। अपने पिता के कारण वे राजद के नेता बन बैठे हैं जबकि उनकी समाज में कोई कमाई नहीं है। अनेक चुनावी सभाओं में झूठी-झूठी घोषणाएं कर लोगों को पिता-माता की तरह ही बेवकूफ बनाने में जुटे हुए हैं। डा. अर्चना बाला ने कहा कि ठीक उसी तरह बिहार के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुमलेबाजी से परेशान हैं। 10 वर्षों के शासन में पीएम मोदी ने बिहार के लिए कुछ भी नहीं किया। एक भी कारखाना नहीं खोला और ना ही रोजगार और शिक्षा के लिए कोई काम किया। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए बिहारियों का दूसरे प्रदेशों में पलायन बदस्तूर जारी है।

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तरुण बिहारी ने कहा कि प्रशांत किशोर ने बार-बार यह घोषणा की है कि बिहार की जनता लालू के डर से भाजपा को और भाजपा के डर से लालू को वोट देते हैं। आज भी संसदीय चुनाव में यही स्थिति है। दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने शासनकाल में बिहार के खजाने को लूटने, जातिवाद और धर्मवाद की राजनीति कर लोगों को बांटने का काम किया तथा बिहार के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया। इस संसदीय चुनाव में भी मतदाताओं की स्थिति वैसी ही बनी हुई है। मजबूरी में वोट डालने का ही परिणाम है कि कि लोगों में उत्साह नहीं है और मतदान प्रतिशत कम होता जा रहा है।

मुख्य प्रवक्ता ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व जन सुराज एक राजनीतिक दल के रूप में स्थापित होगा और बिहार की जनता के बीच एक मजबूत राजनीतिक विकल्प बनेगा। जिला प्रवक्ता ई. अशरफ अली ने जिला के सभी जन सुराजी भाइयों से अपने अपने क्षेत्र में खोले गए कैंप के माध्यम से हर घर जन सुराज अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है।

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राजन कुमार की रिपोर्ट

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