झारखंड के मधु मंसूरी और शशधर अचार्य को मिला पद्मश्री पुरस्कार, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

नई दिल्ली/रांची : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में 141 लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया. देश में भारत रत्न के बाद सर्वाेच्च नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कारों का वितरण राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हाल में किया गया. इस भव्य समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया. कला क्षेत्र में झारखंड का नाम रौशन करने वाले दो कलाकारों को सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पदम्श्री सम्मान से सम्मानित किया. इनमें राजधानी रांची निवासी मधु मंसूरी हंसमुख और सरायकेला-खरसांवा निवासी छऊ गुरू शशधर अचार्य शामिल हैं. इन दोनों कलाकारों को बीते वर्ष 2020 में ही पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा हुई थी.

इस बार दो वर्षों के पुरस्कार दिए जा रहे हैं. इसमें वर्ष 2020 के लिए आज 141 लोगों को आज पद्म पुरस्कार दिए गए और 2021 के लिए मंगलवार को 119 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा. आज वर्ष 2020 के लिए पद्म विभूषण से 7, पद्म भूषण से 16 लोगों और पद्म श्री से 118 लोगों को सम्मानित किया गया. पुरस्कार पाने वालों में 29 महिलाएं, 16 मरणोपरांत पुरस्कार विजेता और 1 ट्रांसजेंडर पुरस्कार विजेता हैं.

नागपुरी गीतों के राजकुमार हैं मधु मंसूरी

राजधानी रांची के रातू के सिमलिया में रहने वाले मधु मंसूरी को नागपुरी गीतों का राजकुमार कहा जाता है. अपने गीत, मधुर आवाज से देश-विदेश में झारखंड को पहचान दिला चुके हैं. जल-जंगल-जमीन बचाने से लेकर झारखंड आंदोलन तक के लिए इन्हीं के लिखे गीत सर्वाधिक गाए जाते थे. गांव छोड़ब नाहिं और नागपुर कर कोरा इन्होंने ही गया है.

शशधर अचार्य ने छऊ नृत्य को दिलायी पहचान

प्रसिद्ध कलाकार शशधर अचार्य ने बिहार, बंगाल, झारखंड और ओडिशा समेत देश-विदेश में छऊ नृत्य को पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई. छऊ मुख्य रूप से सैन्य नृत्य है, जिसे सैनिक किया करते थे. शशधर के पिता गुरु लिंगराज आचार्य ने उन्हें इस नृत्य की बारीकियों से परिचित कराया.

बता दें कि मंगलवार को वर्ष 2021 के पद्म पुरस्कारों की सूची में सबसे बड़े पद्म विभूषण पुरस्कार से 7 लोगों को सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा पद्म भूषण से 10 लोगों और पद्म श्री से 102 लोगों को सम्मानित किया जाएगा.

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