बाढ़ के पानी से नर तेंदुए की मौत पर टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

Jamshedpur टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क में बाढ़ के पानी से नर तेंदुए (मिथुन) की मौत के बाद सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गयें है.

22Scope News

जमशेदपुर डीएफओ ममता प्रियदर्शी ने जू निदेशक को नोटिस जारी इस मामले में 48 घंटे के अन्दर जवाब मांगा है.

इधर इस मामले में वन प्रमंडल जमशेदपुर की ओर से छह सदस्यीय जांच टीम का गठन भी किया गया है.

यह टीम तेंदुए की मौत के साथ ही ज़ू के अन्य जानवरों की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े पहलुओं की जांच करेगी.

कमेटी 25 अगस्त की सुबह 11 बजे ज़ू जाएगी और अगले 2 दिन में इसकी जांच रिपोर्ट सौंपेगी.

टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क में मृत पाया गया था तेंदुआ

यहां बतला दें कि तेंदुए की पोस्टमार्टम के 24 घंटे बीतने के बाद भी अब तक इसकी रिपोर्ट वन विभाग को नहीं सौंपी गयी है.

जानकारों का कहना है कि टाटा जू में पहली बार बाढ़ का पानी नहीं गया है. इससे पहले जब-जब नदी का जलस्तर बढ़ता है,  वन्यजीव क्षेत्र में पानी प्रवेश करता रहा है. लोग सवाल उठा रहें है कि                                                                                                                               

वन्य जीवों की सुरक्षा में घोर लापरवाही का आरोप

जू प्रबंधन ने समय रहते हुए वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाए?

शिड्यूल-1 की श्रेणी में आने वाले वन्य जीवों की सुरक्षा में हुई इस घोर लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?

जबकि सेंट्रल जू आथिरिटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार वन्यजीवों को प्राकृतिक माहौल उपलब्ध कराना है.

उनके आश्रय स्थल में बैठने, छिपने, खेलने और प्राकृतिक बदलाव से बचने के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए.

जबकि तेंदुए के बाड़े में मात्र एक ही पेड़ है, जिस पर एक ही तेंदुआ बैठ सकता है.

जबकि बाड़े में दो तेंदुए (नर-मादा) हैं, दोनों के लिए पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं की गई?

बाढ़ का पानी बढ़ने से पहले इन्हें सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट  क्यों किया गया.

इसके पहले भी हो चुकी है कई जीवों की मौत

लोगों का दावा है कि इससे पहले भी जू प्रबंधन की लापरवाही से कई वन्यजीवों की मौत हो चुकी है.

यहां बतला दें कि वन्य जीवों की मौत पर अब तक कई जांच समितियों का गठन किया है,

लेकिन कार्रवाई का नाम पर कुछ नहीं हुआ.

आखिर विलुप्त होते वन्यजीवों की मौत के जिम्मेवार कौन है?

इस पूरे मामले में टाटा स्टील प्रबंधन ने फिलहाल कुछ भी कहने से इंकार किया है.

रिपोर्ट-लाला जबीं

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