रांची लोकसभा सीट बना रहस्य…….

रांची लोकसभा सीट बना रहस्य

रांची: कांग्रेस के लिए रांची लोकसभा सीट रहस्य बनता जा रहा है. तीन किरदारों के बीच यह रहस्य गहराता जा रहा है. जिसमें सबसे कमजोर किरदार झारखंड के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का है वहीं सबसे मजबूत किरदार रांची के पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय का है.

इन दोनों किरदारों के बीच एक तीसरा किरदार रांची के पूर्व भाजपा सांसद रामटहल चौधरी का भी है जो इन दोनों किरदारों के बीच झूल रहा है.

कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व रांची लोकसभा सीट के रहस्य को सुलझाने में असफल दिख रहा है. सुबोधकांत सहाय का अलटीमेटम , बन्न गुप्ता की चाहत और रामटहल चौधरी के कांग्रेस में एंटी ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को और उलझा दिया है. तीनों किरदार अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.

इतना ही नहीं सूत्र ये भी बता रहे हैं कड़े रुख के साथ इन तीनों ने केंद्रीय नेतृत्व से रांची लोकसभा सीट मांगी है. इन तीनों नेताओं के व्यवहार ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को पूरी तरह से परेशान कर दिया है.

पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व झारखंड इकाई में फूट नहीं देखना चाहती इसलिए जिन तीन लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व ने किया था उसी दौरान रांची लोकसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा करने की पूरी तैयारी कर ली गई थी लेकिन इसी बीच रांची लोकसभा सीट रहस्य के सबसे मजबूत किरदार ने अपनी आपत्ति दर्ज करा दी और अपनी ताकत का अहसास भी केंद्रीय नेतृत्व को करा दिया.

सूत्र बता रहे हैं बीते रात प्रत्यशियों के घोषणा से एक घंटा पहले झारखंड में कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर और सुबोधकांत सहाय के बीच इस विवाद को खत्म करने के लिए लंबी बातचीत हुई थी लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला. आखिरी समय में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने रांची लोकसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा का अपना मन बदला और उसे अगले तारिख के लिए टाल दिया.

रांची लोकसभा सीट पर असफल कांग्रेस पर बीजेपी का हमला शुरु हो गया है. बीजेपी के प्रत्याशी संजय सेठ ने कांग्रेस की इस कदम को हार स्वीकारने वाला बताया है और इसे कांग्रस की हताशा और कमजोरी बताया है.

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