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पटना: बिहार में आपराधिक घटनाओं में इजाफा को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है। बिहार में लॉ एंड आर्डर की समस्या पर सरकार को घेरने के लिए राजद की तरफ से लगातार बयान आ रहा है और राजद के एक आम कार्यकर्ता से लेकर खास नेता तक नीतीश कुमार पर कटाक्ष कर रहे हैं। नीतीश कुमार पर लगातार इस्तीफा देने का भी दवाब राजद बना रही है।
बिहार के लॉ एंड आर्डर व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश ने बीते दिनों उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक भी की थी जिसके बाद एक प्रेस वार्ता कर राजद ने राजद शासनकाल और एनडीए के शासनकाल में आपराधिक घटनाओं का ब्यौरा पेश किया है और नीतीश सरकार को विफल सरकार बताया। मामले को राजद कार्यालय में प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि भाजपा और जदयू के नकारात्मक और दुष्प्रचार की राजनीति का ख़मियाजा आज बिहार की जनता भुगत रही है।
बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज है ही नहीं। मुख्यमंत्री ने डीजीपी समेत अन्य वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की बावजूद इसके राज्य में आपराधिक घटनाओं में कमी नहीं हुई है। लगातार राज्य में हत्या, अपहरण, लूट, डकैती जैसी घटनाएं घट रही है। अब लोग अपने आप को घर के अंदर भी सुरक्षित नहीं महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में आपराधिक घटनाओं में इस कदर हुई है कि हत्या, लूट, छिनतई, छेडख़ानी या दुष्कर्म अब सामान्य घटना हो गई हो।
उन्होंने एनसीआरबी के रिपोर्ट को सार्वजानिक करने की मांग की और कहा कि एनसीआरबी के रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बाद बतायें कि जंगलराज है या नहीं। उन्होंने कहा कि बार बार लोगों को 2005 से पहले की स्थिति याद करने के लिए कहा जाता है तो आज हम 2005 के पहले की स्थिति हम याद दिला देते हैं। उन्होंने कहा कि 1990 से 2017 तक डाटा हमारे पास है उसके हिसाब से 1990 में जब लालू जी की सरकार बनी उस वक्त बिहार में क्राइम रेट 145 था जबकि 2005 में नीतीश कुमार की सरकार बनी तो उस वक्त बिहार में क्राइम रेट 108 था।
इन आंकड़ों के आधार पर चितरंजन गगन ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार राजद शासन काल में अपराध की घटनाओं में कमी आई थी। पहले जो क्राइम रेट एक लाख की आबादी पर 145 था वह राजद के कार्यकाल में घट कर 108 हो गया था। 2005 में नीतीश जी जब सरकार में आए तो उनके सरकार में 2017 के आंकड़ों के अनुसार बिहार में क्राइम रेट 171 हो गया जबकि अभी की स्थिति देखें तो बिहार में क्राइम रेट 224 है।
उन्होंने नीतीश कुमार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिसे 108 क्राइम रेट के साथ सत्ता सौंपी गई आज उनके राज्य में क्राइम रेट 224 है तो फिर अब बताएं कि बिहार में पहले जंगलराज था या अब है।
राजद प्रवक्ता ने जदयू और भाजपा के राजद शासनकाल में नरसंहार के आरोपों पर कहा कि राजद शासनकाल में एक भी नरसंहार नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि बिहार में 1977 से 1990 के बीच नरसंहार हुआ था और उसके आरोपी को नीतीश कुमार जी चुनाव लड़वा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में छोटी मोटी बातों पर हत्या, गोलीबारी जैसी घटनाएं हो रही हैं। सरकार कहती है कि अपराध करने वाले बचेंगे नहीं लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी ही नहीं होती है।
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पटना से अविनाश सिंह की रिपोर्ट
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