पटना: बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब पीने से लोगों के मौत का मामला राज्य में राजनीतिक रूप लिया हुआ है। शुक्रवार को RJD ने सोशल मीडिया पर शराब की बोतल की फोटो पोस्ट की। शराब की बोतल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चेहरा लगा हुआ है और लिखा है ‘सुशासन ब्रांड व्हीस्की’, ओनली अवलेबल इन बीजेपी-नीतीश रुल्ड बिहार। राजद के पोस्ट पर जदयू ने भी बड़ा पलटवार किया है। जदयू ने कहा कि उन्हें शराबबंदी से परेशानी है लेकिन हम इसमें कोई मदद नहीं कर सकते हैं। शराबबंदी लागू रहेगा।
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि उन्हें शराबबंदी से परेशानी है लेकिन हम उनकी कोई मदद नहीं कर सकते हैं। शराबबंदी लागू रहेगा। दुखद है कि जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई। बिहार देश का एकमात्र राज्य नहीं है जहां ऐसी घटना घटी। बिहार के लोग पूरे देश भर में रहते हैं, तो ऐसी घटनाओं का बिहारी भी शिकार होते होंगे, फिर वहां उनकी जुबान क्यों नहीं खुलती। शराब पीने से प्रोटीन बढ़ता है या कैल्शियम या फिर डेंगू ठीक होता है ये बात राजद को बताना चाहिए।
फाड़ दें अपनी पार्टी की संविधान
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि वे अपन संविधान फाड़ कर फेंक दें, क्योंकि संविधान लिखा हुआ है कि जो नशामुक्त रहेगा वही सदस्य बनेगा। राजद की दुकान कैसे चलेगी? वे अपने ही संविधान के खिलाफ आचरण कर रहे हैं। देश के संविधान की बात छोड़िये वे अपनी पार्टी के संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं। आप नीतीश कुमार का चेहरा व्हिस्की के बोतल पर डाल रहे हैं, आपके पिता जी जेल गए हैं।
नीतीश कुमार बोतल में नहीं हो सकते हैं बंद
नीतीश कुमार को क्लाइमेट लीडर, ग्लोबल थिंकर कहा गया। बगैर कोई विरासत के 24 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार नीतीश कुमार को मिला है। नीतीश कुमार का काम बोलता है, और नीतीश कुमार बोतल में बंद होने वाले नहीं हैं। उनके बोतल से तो जिन्न निकलता है वह आपको चार्जशीट पर पहुंचा देता है। नीरज कुमार ने जहरीली शराब से मौत के मामले में राजद के आरोपों पर कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू है न।
बिजली आपके घर में लगा हुआ है और उससे कोई घटना हो जाये तो बिजली कटवा दीजियेगा? मीटर में गड़बड़ी हुआ तो मीटर उखाड़ कर फेंक दो, रोग का इलाज नहीं रोगी को ही फेंक दीजियेगा। शराबबंदी लागू है, गांव गांव में एक एक पोल पर लिखा हुआ है शराबबंदी और टॉल फ्री नंबर। इतना पोस्ट करते वे शराबबंदी पर तो बात समझ में आती।
चारा घोटाला के बाद सैलरी घोटाला कैसे
महिलाओं ने सबसे अधिक वोट जदयू को दिया कारण शराबबंदी ही है न। अगर उन्हें शराबबंदी का विरोध करना है तो खुल कर बोलें कि शराबबंदी नहीं रहना चाहिए। वहीं उन्होंने राजद के कानून व्यवस्था खराब होने के आरोप पर नीरज कुमार ने कहा कि चारा घोटाला के बाद सैलरी घोटाला कैसे हो गया? राजनीति में मीसा भारती के बाद रोहिणी आचार्य कैसे चुनाव लड़ गई। घटनाएं होने का मतलब यह नहीं होता है कि कानून फेल है। कानून फेल है तो फिर जेल इनसे कैसे भरी है। दोनों बातें वही कहते हैं ये कैसे संभव है।
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पटना से महीप राज की रिपोर्ट
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