पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। बिहार भवन निर्माण विभाग ने उन्हें पत्र लिख कर पटना में स्थित कार्यालय 7 दिनों के अंदर खाली करने का निर्देश दिया है। भवन खाली नहीं किये जाने की स्थिति बलपूर्वक खाली कराये जाने का भी जिक्र है। विभाग ने अपने जारी पत्र में कहा है कि वर्ष 2006 में यह भवन लोक जनशक्ति पार्टी के नाम से आवंटित हुआ था।
13 जून 2024 को आवंटन रद्द कर दिया गया है और कार्यालय खाली करने के लिए पत्र लिखा गया था। बाद में पार्टी की तरफ से के पत्र प्राप्त हुआ जिस्मने जिक्र था कि मामला हाई कोर्ट में लंबित है। लेकिन हाई कोर्ट ने मामले को स्टे आर्डर जारी नहीं किया है इसलिए आदेश प्राप्त होने के सात दिनों के अंदर कार्यालय खाली कर दें अन्यथा बलपूर्वक खाली करवाया जायेगा।
लोक जनशक्ति पार्टी को आवंटित है भवन
भवन निर्माण विभाग ने अपने पत्र में लिखा है कि भवन वर्ष 2006 में लोक जनशक्ति पार्टी को आवंटित हुआ था। 13 जून को आवंटन रद्द करने के बाद 04 अक्टूबर को 15 दिनों के अंदर भवन खाली करने का निर्देश दिया गया था। 21 अक्टूबर तक भवन खाली नहीं हुआ साथ ही राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की तरफ से एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमे मामला हाई कोर्ट में लंबित होने की बात कही गई। मामले में अब तक हाई कोर्ट ने स्टे आर्डर जारी नहीं किया है साथ ही भवन लोक जनशक्ति पार्टी को आवंटित की गई थी इसलिए राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का इस मामले में कोई सरोकार नहीं है।
7 दिनों का दिया गया समय
भवन निर्माण विभाग ने अपने पत्र में भवन खाली करने के लिए सात दिनों का समय दिया है और कहा है कि अगर सात दिनों के अंदर भवन खाली नहीं किया जाता है तो फिर बलपूर्वक खाली करवाया जायेगा।
साजिशन किया जा रहा है परेशान
मामले में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के मीडिया प्रभारी सुनील सिन्हा ने बताया कि विभाग की तरफ से जब पहले पत्र प्राप्त हुआ था तो हम लोग हाई कोर्ट गए थे। लेकिन अब विभाग की तरफ से एक अन्य पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें स्टे आर्डर नहीं मिलने की बात कही गई है। हमलोग पुनः हाई कोर्ट जायेंगे और भवन खाली करने के निर्देश पर स्टे आर्डर लेंगे। उन्होंने कहा कि साजिशन यह भवन खाली करवाया जा रहा है। राज्य और केंद्र में एनडीए की सरकार है, हम भी एनडीए के हिस्सा हैं बावजूद इसके परेशान किया जा रहा है।
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