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Friday, April 19, 2024

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गोड्डा:जमीन के विरोध में बवाल, पुलिस और ग्रामीण आमने सामने

ईसीएल को नहीं देना चाह रहे हैं जमीन, आदिवासी रैयतों का विरोध, क्षेत्र में 144 धारा लागू

GODDA: गोड्डा – जमीन के विरोध में बवाल : ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) की सर्वाधिक उत्पादन क्षमता वाली राजमहल परियोजना, ललमटिया में आदिवासी रैयतों ने जमकर हंगामा किया. आदिवासी रैयतों ने ईसीएल को जमीन देने से इनकार करते हुए हंगामा किया. यह पूरा मामला है कोयला खुदाई के लिए जमीन की है.

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बोआरीजोर प्रखंड के तालझारी और भेंरंडा बसडीहा और पहाड़पुर गांव के आदिवासी ईसीएल को जमीन देने से इनकार कर रहे हैं. लोगों का विरोध देखते हुए भारी संख्या में सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है और क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दिया गया है. हालांकि अपनी जमीन की लड़ाई में भारी संख्या में महिलाएं भी विरोध करने पहुंची हैं. आदिवासी ग्रामीण अपने पारंपरिक हथियार के साथ अपने जमीन पर डटे रहे.

जमीन के विरोध में बवाल : फूट-फूट कर रोने लगे जमीन का विरोध कर रहे आदिवासी

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जमीन का विरोध कर रहे ग्रामीण फूट-फूट कर रोने लग गए. ग्रामीणों का कहना है कि विकास के नाम पर सिर्फ पेड़ों की कटाई की जाती है. प्रदूषण फैलता है. ग्रामीण ने विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि पर भी अनदेखी का आरोप लगाया है. वहीं हजारों की संख्या में तैनात पुलिस बल के जवानों को ग्रामीणों ने भी पारंपरिक हथियार से रोक दिया और आगे बढ़ने से मना कर दिया.

प्रशासन लोगों से कर रही है लगातार बातचीत

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प्रशासन के लोग लगातार लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन ग्रामीण पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. गा्रमीणों से हथियार घर में रखकर आने का आग्रह किया जा रहा है. वहीं ग्रामीण भी जवानों से हथियार रखकर बात करने की अपील कर रहे हैं. अधिकारी के अनुसार ग्रामीणों से सकारात्मक बातचीत की जा रही है. ग्रामीणों को ईसीएल के द्वारा माइकिंग कर समझाया जा रहा है और क्षेत्र में 144 धारा लागू कर दिया गया है.

लगातार ईसीएल के द्वारा एक जगह भीड़ नहीं लगाने की अपील कर रही है. वहीं प्रशासन ने एप्रोच रोड का भी निर्माण किया है जिसका ग्रामीणों ने विरोध नहीं किया है.

इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है आदिवासी पदाधिकारियों के द्वारा भी ग्रामीणों को

आदिवासी भाषा में समझाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन ग्रामीण पदाधिकारियों की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं है.

रिपोर्ट: प्रिंस

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