रांची : कांग्रेस के पांच नेताओं पर निष्कासन की सिफारिश के बाद झारखंड कांग्रेस में बगावत शुरू हो गई है. कांग्रेस के पांच नेताओं आलोक दूबे, डॉ. राजेश गुप्ता, साधु शरण गोप, सुनील सिंह और लाल किशोरनाथ शाहदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर कई आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि अगर 2024 में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव कांग्रेस को जीतना है तो उनके नेतृत्व में पार्टी नहीं जीत सकती. उनलोगों ने चुनाव को देखते हुए किसी आदिवासी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की.
झारखंड में हमें आदिवासी नेतृत्व ही स्वीकार- लाल किशोरनाथ शाहदेव
लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि हमलोग के ऊपर करवाई की अनुसंशा की गई है वो हमलोग राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास जायेंगे और उनको सारी बातों से अवगत कराएंगे. झारखंड में आदिवासी नेतृत्व ही हमें स्वीकार है. इस राज्य के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष को बताई जाएगी और आदिवासी अध्यक्ष की वजह से कांग्रेस ज्यादा सीट ला पाई थी तो हमलोग इस बात को राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने रखेंगे.
राजेश ठाकुर इस्तीफा देकर किसी आदिवासी को सौंपे नेतृत्व- साधु शरण गोप
साधु शरण गोप ने कहा राजेश ठाकुर के पास किसी प्रकार की अनुभव नहीं है. अगर हमलोगों ने बोला है तो उसे आलोचक के रूप से लेना चाहिए. अगर हम सक्षम प्रदेश अध्यक्ष की मांग करते हैं तो वो गलत नहीं है. क्योंकि जिस तरीके से 24 जिलों के जिलाध्यक्ष की नियुक्ति हुई उसी पर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी. इन जिलाध्यक्षों में एक भी यादव, तेली को शामिल नहीं किया गया. उनको कांग्रेस के प्रति थोड़ी सी भी इज्जत है तो उनको इस्तीफा देकर किसी आदिवासी को नेतृत्व सौंप देना चाहिए.
राजेश ठाकुर के नेतृत्व में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कांग्रेस नहीं जीत सकती- आलोक दुबे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलोक दुबे ने कहा कि हमारे रक्त में कांग्रेस पार्टी दौड़ रही है. 32 वर्षों में कई ऐसे मौके आये जब पुलिस रात में भी आ जाया करती थी. अगर कांग्रेस अध्यक्ष को लगता है कि हमें कांग्रेस से निकलने में ठीक है तो हमलोग तैयार हैं. हमारे अनुशासन समिति ने कहा कि इनके जवाब से संतुष्ट नहीं है.
मीडिया तक बात पहुंचाने से पहले हमसे बात करनी थी, हमारी छवि धूमिल की जा रही है. 24 जिलों में पिछले 4 दिसंबर से अपमान, छीना झपटी लड़ाई झगड़ा हो रहा है. राजेश ठाकुर का चेहरा सामने रख के लोकसभा चुनाव और झारखंड विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकते हैं. आरपीएन सिंह के साथ अभी भी उनके संबध हैं.
कांग्रेस: झूठ बोल रही है अनुशासन समिति
उन्होंने कहा कि अनुशासन समिति झूठ बोल रही है. हम लोगों ने स्पष्टीकरण दिया था. समय की मांग हमलोग ने किया था और अनुशासन समिति मीडिया के समक्ष कह रही है कि हम लोगों ने कुछ नहीं बोला था. पहले ऐसे प्रदेश अध्यक्ष हैं जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं. जो आदमी कभी संगठन नहीं चलाया है और अचानक संगठन को चलाने की जिम्मेदारी मिल जाए तो वो कैसे चले जायेंगे. उनके कार्य को लेकर हमेशा से सवाल खड़े हो रहे है.
रिपोर्ट: करिश्मा सिन्हा