गया: पवित्र नगरी गया के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर में रविवार को विदेशी श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक मेला लगा। विशेष रूप से रूस से आए श्रद्धालुओं ने भारतीय परंपराओं का पालन करते हुए अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान और तर्पण किया। मंदिर प्रांगण में भोर से ही विदेशी भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। करीब तीन घंटे तक चली इस अनुष्ठान में श्रद्धालुओं ने बड़े ही मनोयोग से अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि दी। पंडा विजय विट्ठल ने बताया कि विदेशी श्रद्धालु विभिन्न देशों से आए थे, जिनमें सबसे अधिक संख्या रूस से थी। ये श्रद्धालु एक दिवसीय श्राद्ध के लिए यहां आए हैं।
तर्पण की इस विशेष प्रक्रिया में श्रद्धालु विष्णुपद मंदिर, अक्षयवट और फल्गु नदी में पिंडदान करेंगे। हिन्दू धर्म के अनुसार गया में पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति मिलती है, और यही कारण है कि यहां हर साल लाखों श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं। गया में पिंडदान करने की यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है और अब विदेशी भक्त भी इसे आत्मीयता से अपना रहे हैं। विदेशी श्रद्धालुओं ने भारतीय संस्कृति और अध्यात्म में अपनी आस्था को व्यक्त करते हुए, कहा कि वे अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यह धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं। यहां से वापस वाराणसी लौट जाएंगे।
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गया से आशीष कुमार की रिपोर्ट
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