डिजीटल डेस्क : साध्वी ने कलेक्ट्रेट में भांजी तलवार, पीछे के दरवाजे खिसके डीएम। मामला उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले का है। वहां जूना अखाड़े के साधुओं ने मंगलवार की सुबह कलक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया। डीएम के ऑफिस के बाहर साधुओं ने तलवारें भांजी और उन्हें चोर तक कहा।
हाथों में तलवार लेकर भांजतीं जूना अखाड़े की साध्वियों के तेवर देख मौके पर मौजूद पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी भी सकते में आ गए। मामले को तूल न पकड़ने देने एवं अनजान अनहोनी को टालने के इरादे से डीएम मुख्य रास्ते से होकर अपने कार्यालय से बाहर को नहीं निकले। कार्यालय में बने बने पिछले दरवाजे से ही वह कलेक्ट्रेट से निकल गए।
जूना अखाड़े के आश्रम को जबरिया खाली कराने का प्रशासन पर आरोप
बिजनौर के कण्व ऋषि में अवैध कब्जे का मामला गहरा गया है। इस आश्रम को खाली कराने और ताला लगाने के विरोध में मंगलवार की सुबह 50 से अधिक साधु संत कलक्ट्रेट पहुंच गए। इस दौरान जमकर हंगामा किया और तलवारें भी भांजी।
अपने हंगामेदार प्रदर्शन के दौरान साधुओं और साध्वियों ने बताया कि कण्व त्रषि के आश्रम में हमेशा साधुओं का प्रवास होता है लेकिन डीएम बिजनौर की टीम ने इसी आश्रम को जबरन खाली कराने पर तुली है।
साधुओं का आरोप था कि डीएम की टीम ने अचानक से दबिश देकर आश्रम में से सौ कुंतल गेंहू, 70 से 80 गोधन आदि ट्रकों में भरवाकर गायब भी करा दिया है। उसी के विरोध में मंगलवार को दर्जनों की संख्या में साधु संत जिला कलेक्टर का घेराव करने पहुंचे थे।


पिछले दरवाजे से निजी वाहन से निकलने में ही डीएम ने समझी अपनी भलाई…
प्रदर्शनकारी जूना अखाड़े के साधु-संतों की अगुवाई कर रहीं साध्वी गंगा ने कहा कि इस ऐतिहासिक कण्व ऋषि आश्रम में उनके दादा की भी समाधि है। वह खुद यहां वर्षो से रह कर पूजा तपस्या और गौसेवा कर रही हैं जबकि प्रतिपक्षी प्रधान सोमदेव और उसके कुछ साथी आश्रम की जमीन हड़पना चाहते हैं।
साध्वी गंगा ने कहा कि उनके गुरू ने कह दिया है कि समझाने पर भी कोई ना समझे तो तलवार खींच लेना और अब तो लड़ाई आर या पार की होगी। इसके बाद तो हालत बिगड़ने की नौबत आई। अपने प्रदर्शन के दौरान कुछ साधुओं साध्वियों ने तलवारें भी भांजी।
एक साध्वी ने तलवार लेकर डीएम को ललकारा और उन्हें खरी खोटी सुनाते हुए कण्व आश्रम से गाय और गेंहू चोरी करने का आरोप लगाया। अपने कार्यालय में साधु संतों के इस रौद्र रुप देखकर डीएम अंकित कुमार ने पीछे के रास्ते से निकल जाने में ही भलाई समझी।
जिला कलेक्टर अंकित कुमार को अपने दफ्तर से पिछले दरवाजे का सहारा लेना पड़ा। बैक डोर से निकल कर निजी गाड़ी में डीएम अंकित कुमार को बाहर जाना पड़ा। इधर उनके आधिकारिक वाहन के पास साधु संत विरोध प्रदर्शन करते हुए ढोल मजीरा बजाते रहे।


डीएम पिछले दरवाजे खिसके तो साध्वी, साधु और संतों ने एडीएम-एसडीएम को ही सुनाई खरी-खोटी…
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहीं साध्वी गंगा ने कहा कि डीएम और एसडीएम ने स्वाहेडी के ग्राम प्रधान के साथ साठगांठ कर इस आश्रम को खाली कराने की साजिश रची है। उन्होंने आश्रम के मंदिर से अष्टधातु की मूर्ति गायब करा दी और मंदिर को बंद कराने के बाद गाय और अनाज-भूषा आदि भी उठा ले गए। उसके बाद आश्रम में ताले डलवा दिए गए हैं।
उसकी वजह से वहां पूजा अर्चना बंद हो गयी है और उसी के विरोध में साधु संन्यासी बिजनौर कलक्ट्रेट में धरने के लिए पहुंचे हैं। इस दौरान डीएम के अपने दफ्तर से पीछे के दरवाजे से निजी वाहन में कलेक्ट्रेट से निकलने के बाद साधुओं को समझाने के लिए एसडीएम और एडीएम भी पहुंचे और उन्हें मनाने की काफी कोशिश की।
हालांकि साधुओं ने उन्हें भी खरी खोटी सुनाकर वापस लौटा दिया। उधर, स्वाहेडी के ग्राम प्रधान सोमदेव का कहना है कि कण्व ऋषि आश्रम में ये साधु चिलम सुल्फा पीते थे। उनकी वजह से गांव के बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा था और उसी संबंध में उन्होंने प्रशासन को शिकायत दी तो उनपर कार्रवाई हुई है। अब प्रशासन ने आश्रम को खाली कराकर ताले डलवा दिए हैं।