Saraikela : चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के कारण चांडिल स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना चांडिल डैम से विस्थापित परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। भारी बारिश के कारण विस्थापितों के घरों में पानी घुस गया। जिसके बाद परिवार को लेकर स्कूल भवन में डेरा डालने को मजबूर हो गया। करीब 50 परिवारों के पास खाने के लाले पड़ गए हैं।
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जलमग्न हुए गांव के बाढ़ पीड़ित 50 परिवारों के बीच समाजसेवी सुखराम हेम्ब्रम ने सुखा खाद्य चावल दाल, तेल आदि सामग्री एब तिरपाल विस्थापित लोगों के बीच वितरण किया गया। चांडिल डैम के विस्थापित गांव कालीचामदा समेत कई गांव के कई घरों में मंगलवार को डैम का पानी घुस जाने की सूचना स्वच्छ चांडिल स्वस्थ्य चांडिल के संस्थापक सुखराम हेम्ब्रम ने परिवार के बीच राशन सामग्री और तिरपाल का वितरण किया।
Saraikela : लोगों के लिए अभिशाप बना है चांडिल डैम
ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के लोगो के लिए चांडिल डैम एक अभिशाप बना हुआ है। दो वक्त की रोटी के लिए विस्तापित लोग हक अधिकार को लेकर टूटे मकान में रहने पर मजबूर हैं। झारखंड सरकार द्वारा 5 साल बीत जाने के बावजूद कोई विस्थापन नीति या आयोग नहीं बनाया गया जिससे लोग 42 बर्ष बीतने के बाद अबतक मुआवजा का राशि नहीं मिला।
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जिसके लिए अबतक लड़ाई जारी है। लोग सरकार से उनको उचित जमीन की राशि देने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर हाथी की झुंड ने आतंक मचा रखा है। जिस मैदान में लोगों ने तिरपाल लगाकर रखा है वहां पानी भरने के बाद सांप, बिच्छू का डर लगा हुआ है। जिसके कारण विस्थापित लोगों में झारखंड सरकार के प्रति नाराजगी है।