औरंगाबाद : औरंगाबाद सदर अस्पताल की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। ताजा मामला झाड़ियों में फेंके मिले एक अज्ञात शव से जुड़ा है। जिसे 12 नवंबर को बारुण थाना की पुलिस ने बरामद किया था। शव की पहचान को लेकर मामले की जब पुलिसिया जांच शुरू की गई तब बड़ा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया। दरअसल, मृतक को किसी ने बीमार हालत में देख सदर अस्पताल में लाकर छोड़ दिया था। बाद में अस्पताल में उसका आंशिक इलाज भी हुआ लेकिन अस्पताल के एक वरीय अधिकारी के इसे कहीं दूर ले जाकर छोड़ देने के निर्देश पर एम्बुलेंस कर्मियों ने उसे गंभीर अवस्था में ही बारुण थाना क्षेत्र के पोखराही गांव के पास झाड़ियों में ले जाकर छोड़ दिया। बाद में इलाज के अभाव में उसी स्थान पर उसकी तड़प-तड़प मौत हो गई थी, जिसका शव पुलिस ने बरामद किया।
आपको बता दें कि सदर अस्पताल प्रबंधन की इस घिनौनी हरकत का पता किसी को भी शायद कभी नहीं चल पाता। यदि शव में लिपटे चादर की पहचान सदर अस्पताल के चादर के रूप में नहीं हुई होती। सुराग मिलते ही पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ करनी शुरू की तो एम्बुलेंस कर्मियों ने सारे राज उगल दिए। पुलिस ने साक्ष्य जुटाने की नियत से जब अस्पताल में लगे सीसीटीवी का फुटेज खंगाला तो इस करतूत की पुष्टि भी हो गई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक एंबुलेंस कर्मी औऱ एक स्ट्रेचर ब्वॉय को गिरफ्तार भी कर लिया। वहीं इस बारे में जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी यानी कि एसीएमओ ने इसे बिल्कुल ही अमानवीय कार्रवाई बताया और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की बात कही है। अभी भी बारुण थाना अध्यक्ष के द्वारा मामले का तहकीकात जारी है।
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दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट