Ranchi– राज्य के ज्वलंत मुद्दों – राज्यपाल रमेश बैस ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को राज्य के जमीनी हालात और ज्वलंत मुद्दों
को समेटते हुए एक रिपोर्ट भेजी है. इस रिपोर्ट में राज्य में जारी भाषा विवाद, मॉब लिंचिग,
नक्सली वारदात की विभिन्न घटनाओं का जिक्र है. रिपोर्ट में इन मुद्दों से राज्य के हालत बिगड़ने की संभावना है.
जानिय, किन-किन मुद्दों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मांगी थी राज्यपाल से रिपोर्ट
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जिन मुद्दों पर रिपोर्ट की मांग की थी, उसमें भाषा विवाद और इसके
विरोध में विभिन्न हिस्सों में हुए भाषा आन्दोलन, भाषा आन्दोलन को लेकर निकाली गयी
मानव शृंखला, पूर्व सांसद के वाहन पर हमला, सीपीआइ माओवादी के जोनल कमांडर
महाराज प्रमाणिक का सरेंडर, प्रशांत बोस उर्फ किसान दास और उनकी पत्नी शीला मरांडी
की गिरफ्तारी और उसके बाद की हिंसा, पुलिस-एसएफएस पेट्रोलिंग पार्टी से हथियार की लूट,
मॉब लिंचिंग की घटनाएं, पूर्व विधायक गुरुचरण नायक के ऊपर जानलेवा हमला और अंगरक्षकों
से हथियार की लूट, प्रेम सिंह सुरीन और बैरम लुगुन की हत्या जैसे विषय शामिल हैं.
इसके साथ ही झारखंड के विभिन्न आदिवासी और मूलवासी संगठनों के द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में
पंचायत चुनाव का विरोध, पेसा कानून लागू करने की मांग, 1932 के खतियान के आधार
पर नियोजन नीति बनाने की मांग लेकर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की गयी थी.
डायन प्रथा एक सामाजिक बुराई, रोकथाम के लिए सरकार ने शुरू किया है गरिमा प्रोजेक्ट
राज्यपाल की ओर से भेजी गयी रिपोर्ट में राज्य की विकराल समस्या माने जाने वाली डायन प्रथा का भी जिक्र है.
राज्य के कई हिस्सों से डायन बिसाही के आरोप में आदिवासी मूलवासी समुदाय की महिलाओं की
हत्या की खबर आते रहते है. यहां यह बताना भी जरुरी है कि राज्य सरकार ने इस सामाजिक
कुप्रथा और अंध विश्वास के खिलाफ व्यापक लड़ाई लड़ने के लिए गरिमा प्रोजेक्ट की शुरुआत की है.
रिपोर्ट-मदन