शेख हसीना अभी भारत में ही रहेंगी, विदेश मंत्री बोले – अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना

डिजीटल डेस्क : शेख हसीनाअभी भारत में ही रहेंगी, विदेश मंत्री बोले – अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना । बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बने हालात के मद्देनजर बड़ी खबर यह है कि भारत में अल्पकालिक शरण में पहुंचीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अभी कुछ दिन यूपी के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयर बेस के गेस्ट हाउस में ही रहेंगी। उनकी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त भारतीय सेना की ओर से किए गए हैं। हालांकि उनके साथ बांग्लादेश आए कुछ रिश्तेदार मंगलवार को लंदन के लिए रवाना हो गए। इस बीच संसद के दोनों सदनों में पूरे मामले पर भारत सरकार का रुख रखते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि इस समय बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने खुल कर हिंदू शब्द का उल्लेख नहीं किया लेकिन उनके कहने का तात्पर्य यही रहा। शेख हसीना के पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद प्रदर्शनकारी उपद्रवियों के निशाने पर लगातार शेख हसीना के दल के लोग और समर्थकों के अलावा वहां रह रहे भारतीय मूल वाले गैर मुस्लिम लोग हैं। लगातार इस बारे में आ रही सूचनाओं से पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और मेघालय के लोगों में चिंता की स्थिति है क्योंकि उन राज्यों की सीमाएं बांग्लादेश से लगी हुई हैं। बीएसएफ के खुद हालात का जायजा लेने को मुख्यालय से बांग्लादेश सीमा पर पहुंचे हैं।

अभी कुछ दिन भारत में ही रहेंगी शेख हसीना जबकि रिश्तेदार लंदन हुए रवाना, ढाका में पीएम हाउस में हुई लूटपाट

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना भारत पहुंची हैं और अभी वह हिंडन एयरबेस के गेस्ट हाउस में ठहरी हुई हैं। वह हिंडन एयरबेस से बाहर नहीं आएंगी। शेख हसीना के लिए हिंडन एयरबेस में ही गेस्ट हाउस में रहने का इंतजाम किया गया है। पूर्व पीएम कब और कहां जाएंगी, ये वो खुद तय करेंगी। उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि अभी कुछ दिन वो भारत में ही रहेंगी। उनके कुछ रिश्तेदार जो साथ आए थे, वो लंदन रवाना हो चुके हैं।  बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शेख हसीना बतौर पीएम जिस भवन परिसर में रहती थीं वहां सोमवार तीसरे पहर से ही लूटपाट और अराजकता का नजारा देखा जा रहा है।

ढाका स्थित शेख हसीना के आवास से राजहंस को ले जाता युवा प्रदर्शनकारी
ढाका स्थित शेख हसीना के आवास से राजहंस को ले जाता युवा प्रदर्शनकारी

ढाका में शेख हसीना के घर पर मची लूटपाट, प्रदर्शनकारियों ने राजहंस, साड़ियां और फर्नीचर पर साफ किया हाथ

ढाका स्थित बतौर पीएम शेख हसीना के रहे सरकारी आवास पर इस समय बीते 24 घंटे से प्रदर्शनकारियों का कब्जा है। उन सभी ने वहां बेतरह लूटपाट मचा रखी है और उसके वीडियो से लेकर फोटो तक खुद प्रदर्शनकारियों की ओर से सोशल मीडिया पर वायरल भी किए जा रहे हैं।  कुछ प्रदर्शनकारी उनके परिसर से राजहंस को लूट ले तो कुछ ने बकरियों तक को नहीं छोड़ा। यहां तक कि परिसर में लगे कंप्यूटर सिस्टम, फर्नीचर और कपड़े तक लूट लिए गए। पूर्व पीएम शेख हसीना के आलमारी और सेफ को तोड़ उसमें रखी बेशकीमती साड़ियां भी प्रदर्शनकारी युवतियों ने लूट लिए जबकि कई युवा प्रदर्शनकारी कुर्सियां, सोफा और बेड ले जाते हुए देखे गए।

ढाका में शेख हसीना के आवास से कंप्यूटर और फर्नीचर लूटकर ले जाते प्रदर्शनकारी
ढाका में शेख हसीना के आवास से कंप्यूटर और फर्नीचर लूटकर ले जाते प्रदर्शनकारी

बांग्लादेश की अस्थिरता पर भारत सरकार ने जताई चिंता

विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा में बांग्लादेश के हालात पर बयान दिया। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भी हिंसा और अशांति फैली हुई है। बांग्लादेश में अस्थिर हालात पर भारत सरकार ने चिंता जताई है और पड़ोसी देश की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि बांग्लादेश के साथ भारत के दशकों से गहरे संबंध हैं और वहां के हालात से यहां भी चिंता उत्पन्न हुई है। एस. जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में गत जून से हालात बिगड़ने शुरू हुए थे और  वह सिलसिला अब तक जारी है। वहां के सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी हालात नहीं बदले। बांग्लादेश में जो कुछ हुआ,उसका एक सूत्री एजेंडा यही था कि शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दें। गत 5 अगस्त को कर्फ्यू के बाद भी वहां दंगे हुए हैं। अभी भी हालात अस्थिर हैं।  बांग्लादेश में 19 हजार भारतीय नागरिक हैं। इसमें 9 हजार छात्र हैं। हालांकि,अधिकतर छात्र जुलाई में भारत लौट आए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा और राज्यसभा में बांग्लादेश हिंसा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस के ऊपर भी हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निकट और निरंतर संपर्क में हैं। हम अल्पसंख्यकों की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।’

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