रांची: झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायाधीश आनंद सेन ने ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार को कड़ी कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिया है।
अदालत ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक बैंड-बाजा और लाउडस्पीकर का पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा, अस्पतालों और नर्सिंग होम के 100 मीटर के दायरे को साइलेंट जोन घोषित करने का भी आदेश दिया गया है। अदालत ने सार्वजनिक स्थानों पर बजने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों को 10 डेसीबल से अधिक नहीं होने का आदेश दिया है, जबकि निजी स्थानों के लिए यह सीमा 5 डेसीबल रहेगी।
अदालत ने राज्य के सभी उपायुक्तों को इस संबंध में निर्देश देने के साथ-साथ, संबंधित अधिकारियों के मोबाइल नंबर जारी करने का भी आदेश दिया है, ताकि लोग ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ शिकायत कर सकें। पीसीआर वैन के मोबाइल नंबर भी जारी करने का आदेश दिया गया है ताकि लोगों को शिकायत करने में आसानी हो।
अदालत ने ध्वनि प्रदूषण की शिकायत के बाद संबंधित अधिकारियों से उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है और एंप्लीफायर, लाउड स्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम इत्यादि को नियमों के अनुसार कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है। इस मामले में सरकार से प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई को 5 दिसंबर को निर्धारित किया गया है।
इस संबंध में हाईकोर्ट ने स्वतंत्र रूप से संज्ञान लेते हुए और झारखंड सिविल सोसाइटी की याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है।
प्रार्थियों ने कहा है कि सरकार ने ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए बनाए गए नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिसके लिए अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग की है।