सिंदरी विधानसभा: ग्रामीण मतदाताओं का दबदबा, इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच सीधी टक्कर

सिंदरी विधानसभा: ग्रामीण मतदाताओं का दबदबा, इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच सीधी टक्कर

रांची: झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सिंदरी सीट पर मतदान की तारीखें नजदीक आ रही हैं। राज्य की 81 विधानसभा सीटों में से एक, सिंदरी, धनबाद लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और एक सामान्य श्रेणी की सीट मानी जाती है। यहां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, मुस्लिम और ग्रामीण मतदाताओं की संख्या चुनावी नतीजों में अहम भूमिका निभाती है।

2011 की जनगणना के मुताबिक, सिंदरी में लगभग 9,000 अनुसूचित जाति के मतदाता हैं, जो कुल मतदाताओं का 2.71% हैं। इस क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के करीब 80,000 मतदाता हैं, जो कुल मतदाताओं का 26.04% हिस्सा हैं, और चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही, लगभग 60,000 मुस्लिम मतदाता हैं, जो कुल मतदाताओं का 19.5% हैं। कुल मिलाकर, सिंदरी सीट पर 3 लाख से ज्यादा मतदाता हैं, जिसमें ग्रामीण मतदाता का अनुपात लगभग 80% है।

सिंदरी विधानसभा सीट पर पिछले चुनावों में भी बड़ा मतदान प्रतिशत देखने को मिला था। 2019 के चुनाव में यहां 71% से अधिक मतदान हुआ था, जो इस बार भी बढ़ सकता है। 5 जनवरी 2025 को मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, और एक बार फिर मुख्य मुकाबला झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के बीच है।

सिंदरी सीट पर इंडिया गठबंधन की ओर से माले (सीपीआई-एमएल) के प्रत्याशी चंद्रदेव महतो चुनाव मैदान में हैं। हाल ही में उन्होंने झामुमो के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक फुलचंद मंडल से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। फुलचंद मंडल ने चंद्रदेव महतो को सहयोग का आश्वासन दिया है। इस सीट पर झामुमो और मासस (मार्क्सवादी समन्वय समिति) के बीच लंबे समय से प्रतिद्वंद्विता रही है। 2009 में यह सीट झारखंड विकास मोर्चा के फुलचंद मंडल के पास थी, जिन्होंने 2000 और 2014 में भाजपा के टिकट पर यहां से चुनाव जीता था।

इस बार भी सिंदरी विधानसभा सीट पर रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद है, जहां एनडीए की मजबूत उपस्थिति इंडिया गठबंधन के लिए चुनौती बन सकती है।

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