Sunday, August 10, 2025

Related Posts

आचार्य किशोर कुणाल के बेटे सायन कुणाल ने दिया ऐसा जवाब कि लाजवाब हो गये तेजस्वी, कह दी बड़ी बात…

पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते दिनों कई आयोगों का गठन किया और उसमे नये चेहरे को जगह दी है। बिहार में आयोगों के गठन पर विपक्ष परिवारवाद करने का आरोप लगा रहा है तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दामाद आयोग तक बनाने की बात कह दी। दरअसल तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीबी और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी को आड़े हाथों लेते हुए उनके दामाद और बिहार के चर्चित पूर्व आईपीएस अधिकारी महावीर मंदिर के संस्थापक आचार्य किशोर कुणाल के बेटे सायन कुणाल को बिहार राज्य धार्मिक न्यास आयोग का सदस्य बनाये जाने पर जम कर हमला किया। अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को सायन कुणाल ने करारा जवाब दिया है।

न्यूज़ 22स्कोप से खास बातचीत करते हुए सायन कुणाल ने कहा कि मेरी शादी वर्ष 2022 में हुई और उससे पहले मेरी पहचान मेरे पिता जी के नाम से थी। मेरे पिता जी धार्मिक न्यास बोर्ड में पहले एडमिनिस्ट्रेटर और फिर 2005 से 2016 तक अध्यक्ष रहे। मैं धार्मिक न्यास बोर्ड में अध्यक्ष नहीं सिर्फ सदस्य बना हूं। अभी बिहार में चुनाव नजदीक है इसलिए इसे राजनीतिक रूप दिया जा रहा है जबकि असलियत में ऐसा नहीं है। अभी विभिन्न आयोगों में 2 से ढाई सौ लोगों की नियुक्ति हुई है जिसमें कई राजनीतिक कार्यकर्ता भी हैं जो लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं उनसे आयोगों के माध्यम से काम करवाया जायेगा।

यह भी पढ़ें – आपराधिक घटनाओं से घिरी बिहार पुलिस इस मामले में देश में नंबर 1, हुई पुरस्कृत

यह राजनीतिक पद नहीं बल्कि काम करने का प्लेटफ़ॉर्म

सायन कुणाल ने कहा कि कोई भी आयोग राजनीतिक पद नहीं बल्कि काम करने का एक प्लेटफ़ॉर्म है। सायन कुणाल ने आयोगों के गठन पर राजनीति को लेकर कहा कि एक निजी समारोह के दौरान मेरी मुलाकात तेजस्वी यादव से भी हुई, मैंने उनके पुत्र के जन्म पर बधाई भी दी थी। मैं उम्मीद कर रहा था कि मेरे सदस्य बनने पर वे मुझे भी बधाई देंगे लेकिन हो सकता है कि उनकी कोई राजनीतिक मज़बूरी होगी। सायन कुणाल ने कहा कि इन चीजों पर राजनीति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

सरकार से नहीं लूँगा सैलरी

सायन कुणाल ने कहा कि अगर मेरे पिता जी रहते तो मेरी इक्षा थी कि मैं भी राजनीति में जाऊं और चुनाव लडूं लेकिन अब वे नहीं हैं तो फिर मेरा एक ही लक्ष्य है कि पिताजी के अधूरे सपनों को पूरा करना। विराट रामायण मंदिर और महावीर बाल कैंसर अस्पताल का पहले निर्माण कार्य पूरा करवाना है। मैंने खुद ही सेवा का मार्ग चुना है। मेरा मानना है कि मैं स्वयं सक्षम हूं इसलिए मैं बिहार सरकार से वेतन नहीं लूँगा। मैं धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य पद की सैलरी नहीं लूँगा।

यह भी पढ़ें – RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष का हो गया चुनाव, इस दिन होगी ताजपोशी

नहीं लडूंगा चुनाव, धार्मिक संस्थानों को करूँगा संरक्षित

सायन कुणाल ने अपने लक्ष्य को लेकर कहा कि मेरे पिता जी जब न्यास बोर्ड के अध्यक्ष थे तो उन्होंने संगत पंगत की शुरुआत की थी तो मैं चाहूंगा कि राज्य के विभिन्न बड़े मंदिरों में संगत पंगत कार्यक्रम चलाऊं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में कई मंदिर हैं जो न्यास बोर्ड से निबंधित नहीं हैं और उनकी संपत्तियों पर असामाजिक तत्वों का आधिपत्य रहता है तो मैं चाहूंगा कि ऐसे मंदिरों को न्यास बोर्ड से निबंधित करवा कर उन्हें संरक्षित कर सकें। वहीं सायन कुणाल ने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि अभी तो ऐसा कोई प्लान नहीं है लेकिन आगे समय के अनुसार निर्णय लिया जायेगा।

https://www.youtube.com/@22scopestate/videos

यह भी पढ़ें-   25 जून एक तारीख नहीं इतिहास है, इस दिन को याद कर आज भी…

पटना से अंशु झा की रिपोर्ट

131,000FansLike
23,800FollowersFollow
587FollowersFollow
578,000SubscribersSubscribe