रांची: झारखंड में इन दिनों शीतलहर का असर बढ़ गया है, जो पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के कारण और भी तेज हो गया है। रांची समेत पूरे राज्य में न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिससे ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को इस अत्यधिक ठंड से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में सर्दी-जुकाम और अन्य ठंडी से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दबाव बढ़ रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र रांची के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान गुमला जिला राज्य का सबसे ठंडा इलाका रहा। यहां का न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इसके अलावा, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने रांची के कांके को राज्य का सबसे ठंडा क्षेत्र बताया है, जहां तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इस ठंड का कहर अगले दो दिन तक जारी रहने का अनुमान है, और फिर 5 जनवरी से मौसम में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। मौसम में बदलाव के साथ बादल छाने की उम्मीद है, जिसके बाद ठंड में कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन, मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 7 जनवरी के बाद से फिर ठंड का प्रकोप बढ़ सकता है।
इस सीजन का सबसे ठंडा दिन 1 जनवरी को रांची में रिकार्ड किया गया, जब न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो इस सर्दी के मौसम का सबसे कम तापमान था। यह सामान्य तापमान से 2.5 डिग्री सेल्सियस कम था। इस सर्दी के मौसम में यह रिकॉर्ड तापमान था, और ठंड ने आम जनजीवन को प्रभावित किया।
लोगों को सर्दी से बचने के लिए तंदूरी चाय जैसी गर्म चीजों का सहारा लेना पड़ रहा है। रांची और आसपास के इलाकों में तंदूरी चाय की चुस्की लोगों के लिए राहत का एक अहम तरीका बन गई है, जहां सर्दी से बचने के लिए लोग चाय के कप के साथ गर्मी का आनंद ले रहे हैं।