हजारीबाग: जिले में भाई-बहन के स्नेह का विशेष धागा तैयार हो रहा है. 20 महिलाओं का समूह राखियों के इस कारोबार से जुड़ी हैं. सांसद जयंत सिन्हा के प्रयास से आत्मनिर्भर हजारीबाग की परिकल्पना बनाई गई है. इस व्यवसाय में 1000 से अधिक सदस्यों को जोड़ा गया है. यह हजारीबाग के विभिन्न इलाकों में रहकर अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश कर रहे हैं.
इस कोशश में जीटी भारत संस्था मदद कर रही है. यह प्रयास जयंत सिन्हा के व्यक्तिगत और निजी प्रयास से संभव हो पाया है. इस संस्था से जुड़ कर कई महिलाएं राखी तैयार कर रही है. इन राखीयों को झारखंड सरकार के पलास मार्ट के अलावा कई अलग अलग सेंटर में पर बिक्री की जा रही है. इस संस्था में निखत परवीन, इफरत परवीन, नुरेश खातून, परमिलू खातून, नीतू देवी, मधु देवी, सफिया परवीन, रूबी परवीन समेत कई महिलाएं शामिल है.
ग्रैंड थॉर्टन के लिए काम करने वाली दिव्या भारती ने बताया कि दो वर्षों से आत्मनिर्भर हजारीबाग कार्यक्रम के तहत महिलाओं और पुरुष को रोजगार से जोड़ा जा रहा है.
रिपोर्टः शाशांक शेखर