भोजपुर : बिहार के भोजपुर में 166 साल बाद अचानक पांच विदेशी आ गए हैं। उन्होंने कहा कि ये मेरा गांव है हम यहां के निवासी है। पांच विदेशियों को देख गांव के लोग हैरान हो गए, पूरा गांव एक ही जगह एकत्रित हो गया। बातचीत के दौरान पता चला कि ये मॉरिशस के प्रधानमंत्री सर नवीनचंद्र राम गुलाम के वशंज हैं। इन्हें बताया गया था कि आप भारत देश के हरीगांव के निवासी हैं, जिसके बाद ये सभी 10 साल के लंबी प्लानिंग के बाद यहां पहुंचे और अपने पैतृक वशंज से मिले।
अप्रवासी कनाडा व अमेरिका से हरिगांव पहुंच कर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र गुलाम के वंशजों और शिक्षकों से मिले। वे कुंभ स्नान में प्रयागराज आये थे. वहां से स्नान के बाद वे बिहार अपने पूर्वज के गांव हरिगांव में आ गए। टीम में कनाडा से जनेश्वर गौराह, इनकी पत्नी एनी गौराह, इनके भाई महिश्वर गौराह इंग्लैंड में और सत्यवर गौराह जो कि अमेरिका में रहते हैं। यह लोग इस यात्रा में शामिल थे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र गुलाम के परिजनों से मिले।
इन लोगों ने बताया कि ये अभी कनाडा अमेरिका व इंग्लैंड में 30 साल से रह रहे हैं पर जन्म मॉरीशस में हुआ था। मॉरीशस में मेरी बहन रहती है। आज नवीन चंद्र गुलाम के परिजनों से मिलकर खुशी है। भ्रमणशील टीम के सदस्यों ने बताया कि उनके पूर्वज 166 वर्ष पहले इसी जगह पर रहते थे। वे उनकी चौथी पीढ़ी हैं और यहां आकर वे बहुत खुश हैं। उन्हें यहां की रीति-रिवाज बहुत पसंद आई है। प्रवसियों से बातचीत के दौरान स्थानीय मुखिया द्वारा बताया गया कि मोहित सरोवर का नाम मॉरीशस के वर्तमान प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के दादा मोहित रामगुलाम के नाम पर रखा गया है और नवीनचंद्र रामगुलाम के पिता सर शिवसागर रामगुलाम के नाम पर हाई स्कूल है।
उद्घाटन 19 फरवरी 2008 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में नवीनचंद्र रामगुलाम ने किया था। ये जानकर सभी खुश हुए। इसके बाद सभी सदस्य सर शिवसागर रामगुलाम हाई स्कूल गए और स्कूल में छात्राओं को दी जाने वाली सुविधाओं जैसे लाइब्रेरी, लैब रूम, क्लासरूम, म्यूजिक क्लास और स्कूल के अन्य विभागीय कक्षों को देखा। विद्यालय के प्रधानाध्यापक सर्वेश कुमार ने सभी को विद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं से अवगत कराते हुए विस्तृत जानकारी दी।
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गांव भ्रमण के दौरान सदस्यों ने हरिगांव गांव में रहने वाले नवीनचंद्र रामगुलाम के वंशजों से मुलाकात की। वंशजों में क्रमश: हरिशंकर महतो, अयोध्या महतो और साधु महतो के परिवार से मुलाकात की और मॉरीशस के प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री के दादा मोहित रामगुलाम की तस्वीर के साथ तस्वीरें ली। इसके बाद सभी सदस्यों ने गांव के लोगों से अपना परिचय भी भोजपुरी भाषा में ही दिया। गांव के लोगों ने भी उन्हें अपने गांव के बारे में जानकारी दी।
जनेश्वर गौरहा ने बताया कि 1859 में हमारे पूर्वज हरिगांव से मॉरीशस गए थे। हम 10 साल से हरिगांव आने के बारे में सोच रहे थे और योजना बना रहे थे। मैं हरिगांव आकर बहुत खुश हूं। हमारे पूर्वजों के वंशज हैं या नहीं, इसकी जानकारी लेने आए हैं। हमारे हरिगांव के पूर्वज घूरह आदि यहीं से मॉरीशस गए था। उन्होंने कहा कि मॉरीशस हमारे सभी सदस्यों की जन्मस्थली है वर्तमान में जनेश्वर गौराह, एनी गौराह कनाडा, महिश्वर गौराह इंग्लैंड, सत्यवर गोराह और छाया गोराह अमेरिका में रहते हैं। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों का व्यवहार और यहां की व्यवस्था हमें बहुत पसंद आई। हम यहां के लोगों के आतिथ्य (मेहमानदारी) से काफी खुशी मिली।
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नेहा गुप्ता की रिपोर्ट