Chaibasa: पश्चिमी सिंहभूम जिले से एक बार फिर अंधविश्वास से जुड़ी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। गुदड़ी प्रखंड के गुलीकेड़ा रैयदा गांव में ग्रामीणों ने 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला टुकनी लोमगा को डायन बताकर पत्थर से पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
खेत से लौटते वक्त हुआ हमला:
जानकारी के अनुसार घटना शुक्रवार शाम करीब 4 से 5 बजे के बीच की है। मृतका टुकनी लोमगा अपने धान के खेत से घर लौट रही थी। इसी दौरान गांव के ही गोमियां होरो ने उन पर बेरहमी से पत्थरों से हमला कर दिया। महिला मौके पर ही ढेर हो गई।
बेटी लापता, किसी तरह बचाई जानः
घटनास्थल पर मौजूद टुकनी लोमगा की बेटी पुतली लोमगा किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने में सफल रही। हालांकि घटना के बाद से वह लापता है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
आरोपी ने थाने में किया सरेंडरः
हत्या के बाद आरोपी गोमियां होरो ने खुद गुदड़ी थाना पहुंचकर आत्मसमर्पण (सरेंडर) कर दिया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ हत्या और अंधविश्वास अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गयाः
घटना की जानकारी मिलते ही गुदड़ी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल भेज दिया। मौके से खून से सने पत्थर और अन्य साक्ष्य जब्त किए गए हैं।
नाती ने की न्याय की मांगः
मृतका के नाती बेंजामिन मुडरी ने कहा कि हमारी दादी निर्दोष थी। उन्हें डायन बताकर मार दिया गया। यह पूरी तरह अंधविश्वास का मामला है। हम प्रशासन से न्याय की मांग करते हैं।
गांव में पसरा मातम और दहशतः
घटना के बाद से पूरे गुलीकेड़ा रैयदा गांव में मातम और डर का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में लंबे समय से कुछ लोग डायन-भूत प्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे ऐसी घटनाएं हो रही हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अंधविश्वास के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस की सख्त कार्रवाई की चेतावनीः
चाईबासा पुलिस ने बताया कि आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाएगा और इस मामले की त्वरित जांच कर दोषियों को सख्त सजा दिलाने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अंधविश्वास फैलाने वालों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। झारखंड में अंधविश्वास की जड़ें अब भी कई इलाकों में गहराई तक फैली हैं। चाईबासा की यह घटना इस बात की भयावह मिसाल है कि शिक्षा और जागरूकता के अभाव में आज भी लोग निर्दोषों की जान ले रहे हैं।
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