Supreme Appreciation : यूपी के कानून-सम्मत बुलडोजर एक्शन को सुप्रीम कोर्ट ने सराहा, यूपी मॉडल पर बनेगा पूरे देश के लिए दिशानिर्देश

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जनार्दन सिंह की रिपोर्ट

डिजीटल डेस्क : Supreme Appreciationयूपी के कानून-सम्मत बुलडोजर एक्शन को सुप्रीम कोर्ट ने सराहा, यूपी मॉडल पर बनेगा पूरे देश के लिए दिशानिर्देश। सोमवार को तीन राज्यों में बुलडोजर एक्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने मुक्तकंठ से यूपी सरकार की कानून-सम्मत कार्रवाई की सराहना की है।

यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट की इसी पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि पूरे देश में इसी तर्ज पर बुलडोजर एक्शन संबंधी दिशा-निर्देश बनेगा। उस दिशानिर्देश को सुप्रीम कोर्ट जारी करेगा जिसे सभी राज्यों को मानना होगा।

यूपी सरकार के शपथ पत्र की हुई ‘सुप्रीम सराहना

सोमवार को हुई सुनवाई के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट मास्टर और डिप्टी रजिस्ट्रार की ओर से जारी आदेश की प्रति में यूपी सरकार की ‘सुप्रीम सराहना’ का खास उल्लेख है। आदेश के क्रम संख्या 4 में सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ के न्यायमूर्तियों की टिप्पणी में सराहना के बोल साफ तौर पर लिखे हैं।

इसमें लिखा है कि आपराधिक मामले में आरोपी की अचल संपत्ति को बुलडोजर से ढहाने या ध्वस्त किए जाने के लिए अपनाई गई पूरी कानून-सम्मत प्रक्रिया की जानकारी यूपी सरकार ने अपने दाखिल शपथ पत्र में दी है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आदेश पत्र के क्रम संख्या में 3 में इसका उल्लेख है।

लिखा है कि यूपी सरकार के गृह विभाग के विशेष सचिव की ओर से दाखिल शपथ-पत्र में खुलकर बताया गया है कि केवल और केवलमात्र तय विधि और कानून के तहत ही सारी प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आरोपी की अचल संपत्ति को ढहाने या ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाती है।

बता दें कि इस संबंध में दाखिल जनहित याचिका में सवाल उठाया गया है कि आपराधिक कानून में किसी आरोपी के खिलाफ बुलडोजर एक्शन कैसे लिया जा सकता है?

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यूपी सरकार की ओर से रखे गए पक्ष को सुनने के बाद कहा कि मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी और यूपी सरकार की ओर से दाखिल शपथ-पत्र में वर्णित ब्योरे के आधार पर सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करेगा जिसे सभी राज्यों को मानना होगा।

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दिशानिर्देश जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से मांगे सुझाव

सोमवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के 3 नंबर की अदालत में न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने यूपी सरकार के शपथ-पत्र में वर्णित ब्योरे सरीखा सुझाव मामले के सभी पक्षकारों से मांगा है।

खंडपीठ ने अपने आदेश के बिंदु 5,6 और 7 में कहा कि सभी पक्षकार अपने सुझाव मध्य प्रदेश के अपर महाधिवक्ता नचिकेता जोशी के ईमेल पते पर भेजें।

बुल्डोजर एक्शन के बाबत सुप्रीम कोर्ट पूरे देश के लिए जो मुकम्मल दिशानिर्देश बनाना चाह रहा है, उसमें किसी भी पक्षकार के पास कोई उम्दा सुझाव हो तो वह प्रस्तुत करें।

सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में केंद्र सरकार और राज्यों को पक्षकार बनाया गया है। कहा गया कि आरोपियों के खिलाफ वाजिब कानूनी कार्यवाही के बजाय उनके घरों को बुलडोजर से ढहाया जा रहा है। यह पूरी तरह से गैरकानूनी और मनमाना रवैया है, जिसे अंजाम देकर अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।

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