रांची में बीटेक छात्रा की हत्या मामले में मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

रांची में बीटेक छात्रा की हत्या मामले में मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

रांची: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में बीटेक छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के दोषी कुमार उर्फ राहुल राज की मौत की सजा पर मंगलवार को रोक लगा दी। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने राहुल को दोषी ठहराने और मौत की सजा सुनाने वाले ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट के रिकॉर्ड की प्रति तलब की।

यह मामला बिहार के नवादा जिले के निवासी 30 वर्षीय राहुल राज से जुड़ा है, जिसे झारखंड के रांची में 2016 में 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा की हत्या और दुष्कर्म के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। रांची के आरटीसी इंस्टीट्यूट की छात्रा अपने घर पर अकेली थी, जब आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर तार से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। शव को आग लगा देने के बाद वह फरार हो गया।

इस अपराध के बाद रांची में भारी विरोध प्रदर्शन हुए, और इसे “रांची का निर्भया मामला” कहा गया। सीबीआइ ने मामले की जांच की और 300 से ज्यादा लोगों से पूछताछ के बाद राहुल की पहचान की, जो पहले भी दुष्कर्म के आरोप में लखनऊ जेल में सजा काट चुका था।

निचली अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए 2019 में मौत की सजा सुनाई, जिसे झारखंड हाई कोर्ट ने भी 9 सितंबर को बरकरार रखा। हाई कोर्ट ने अपराध को “भयानक कृत्य” करार देते हुए सजा की पुष्टि की। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है और ट्रायल कोर्ट तथा हाई कोर्ट के रिकॉर्ड की समीक्षा करने का आदेश दिया है।

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