प्रदूषण पर 23 नवंबर को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
नई दिल्ली : Delhi-NCR में प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. इस दौरान केंद्र ने कहा कि 21 तारीख से मौसम बदल जाएगा तो प्रदूषण में भी कमी आ जाएगी. इस पर कोर्ट ने भड़कते हुए कहा कि हम हाथ पर हाथ धरकर बैठकर मौसम बदलने का इंतजार नहीं कर सकते. कोर्ट ने ये भी पूछा कि सरकार को प्लान बताना चाहिए कि वो प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है. अब मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी.
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सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश हुए एसजी तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने कहा कि मौसम विभाग का कहना है कि 21 नवंबर के बाद मौसम बदलते ही स्थिति में सुधार आने की संभावना है. अभी कई पाबंदियां लगाई गई हैं. क्या कोर्ट कोई सख्ती दिखाने से पहले 21 तारीख तक इंतजार कर सकता है. इस पर भड़कते हुए कोर्ट ने कहा, प्रदूषण पर हम मौसम बदलने का इंतजार नहीं कर सकते.
वहीं, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मौसम सुधरेगा तो प्रदूषण की स्थिति में भी सुधार होगा, क्या आप इसी का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद CJI NV Ramana ने कहा कि वो 21 तारीख के बाद कम्प्लीट शटडाउन पर विचार करेंगे. इस मामले में अब अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी.
तुषार मेहता ने कहा कि मेरे बारे में मीडिया में कहा गया कि मैंने पराली जलाने को लेकर गलत जानकारी दी, मैं इस पर स्पष्टीकरण देना चाहता हूं. CJI ने इस पर कहा कि पब्लिक ऑफिस में ऐसी आलोचना होती रहती है, इसे भूल जाइए. जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि मैंने ये देखा कि ये चार फीसदी है, लेकिन विकास सिंह ने बताया कि रिपोर्ट में 35-40 फीसदी है. तुषार मेहता ने कहा कि हमने पूरे साल का आंकड़ा दिया था. इस सीजन में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं.
सीजेआई ने कहा कि ये कॉमन सेंस की बात है कि इन महीनों में पराली जलाने की घटना बढ़ जाती हैं, ऐसे में से सभी को पता है, लेकिन कोई कदम नहीं उठाए जाते. इस पर तुषार मेहता ने कहा हमने अपने हलफनामे में कहा था कि पराली जलाने जैसे कुछ कारक प्रदूषण में अक्टूबर के बाद अधिक योगदान करते हैं. यह पूरे साल नहीं है. हमने तब कहा था कि यह उन दो महीनों में बढ़ता है और यह लगभग 35-40 प्रतिशत है, लेकिन यह अनुमान लगाया गया कि हमने कहा है कि पंजाब चुनाव के कारण योगदान केवल 4-7 प्रतिशत है. CJI ने कहा कि ये आंकड़े हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं. मुद्दे को घुमाने की कोशिश ना हो. हमें प्रदूषण कम करने की चिंता है. तुषार ने कहा कि लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जो कॉमन सेंस का उपयोग नहीं कर रहे हैं.
CJI ने कहा कि अब प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. तुषार मेहता उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. एसजी तुषार मेहता ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन समिति की बैठक की जानकारी दी. सचिव पॉवर, सचिव डीओपीटी, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली के मुख्य सचिव बैठक में उपस्थित थे.
10 साल से पुराने पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन सड़कों पर नहीं चलेंगे
तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली के 300 किलोमीटर में 11 थर्मल प्लांटों में से केवल 5 काम कर रहे हैं, अन्य को बंद कर दिया गया है और यदि कोई आवश्यकता है तो इस दायरे से बाहर के संयंत्रों को भी बंद किया जा सकता है. 10 वर्ष से अधिक पुराने (डीजल या पेट्रोल से चलने वाले)कोई भी वाहन सड़क पर नहीं चलेंगे. हमने केंद्रीय कर्मियों के वर्क फ्रॉम होम पर भी विचार किया, लेकिन हमने पाया कि इन वाहनों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है, ऐसे में उन्हें कार पूल करने की सलाह दी गई है.
सीजेआई ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या कदम उठाए जा रहे हैं, क्या आपने अखबार देखे हैं, हर अखबार का अलग आंकड़ा है. तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए WFH पर हमने कहा है कि कोविड के कारण काम पहले ही प्रभावित हो चुका है. दिल्ली-एनसीआर में केंद्र सरकार के वाहनों की संख्या बहुत अधिक नहीं है, जब WFH की बात आती है तो अधिक नुकसान होते है. WFH का सीमित प्रभाव होगा, हमने कार पूलिंग की सलाह दी है. सीजेआई ने कहा कि क्याआपके पास केंद्रीय कर्मियों की संख्या है ? तुषार ने कहा कि ये संख्या ज्यादा नहीं है, वाहनों की संख्या कम है. अगर कोई आदेश दिया तो अखिल भारतीय प्रभाव होगा.