सुप्रीम कोर्ट ने ED पर की सख्त टिप्पणी, इस मामले में जमकर लगाई फटकार

Desk. खबर राजधानी दिल्ली से है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जमकर फटकार लगाई और तमिलनाडु की सरकारी शराब कंपनी तस्माक (तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच और छापेमारी पर रोक लगा दी। इस आदेश के साथ, शीर्ष अदालत ने तस्माक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत ईडी की जांच पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने ED पर की सख्त टिप्पणी

इस दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ईडी ‘सारी हदें पार कर रही है।’ उन्होंने यह भी पाया कि ईडी की कार्रवाई असंगत और संभवतः असंवैधानिक है, क्योंकि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है, और एक राज्य निगम को निशाना बनाकर ‘संघीय ढांचे का उल्लंघन’ किया जा रहा है।

हाईकोर्ट ने ईडी को जांच जारी रखने का दिया था अदेश

यह आदेश तमिलनाडु सरकार द्वारा मंगलवार (20 मई) को मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद आया है। यह अपील मद्रास हाईकोर्ट के 23 अप्रैल के फैसले के बाद आई है, जिसमें ईडी की जांच को आगे बढ़ने की अनुमति दी गई थी।

ईडी ने तमिलनाडु में 1,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का आरोप लगाया है, जहां डिस्टिलरी ने शराब की आपूर्ति के ऑर्डर हासिल करने के लिए बेहिसाब नकदी दी। हालांकि, तमिलनाडु सरकार ने कहा कि उसने सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय के माध्यम से 2014-2021 के बीच व्यक्तिगत आउटलेट संचालकों के खिलाफ पहले ही 41 एफआईआर दर्ज कर ली हैं, उसने शीर्ष अदालत को बताया।

तमिलनाडु सरकार ने ईडी पर लगाया आरोप

तमिलनाडु सरकार ने तस्माक पर ईडी की छापेमारी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया है और कहा कि यह केंद्रीय एजेंसी की शक्तियों का अतिक्रमण है और संविधान का उल्लंघन है। तमिलनाडु सरकार ने ईडी पर राजनीतिक प्रतिशोध का भी आरोप लगाया और कहा कि छापेमारी अवैध है।