रांची : खतियान आधारित नियोजन नीति को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया बयान आश्चर्यजनक है.
उन्होंने अपने सभी सार्वजनिक सभाओं और चुनावी मंच पर खतियान आधारित स्थानीय
एवं नियोजन नीति लागू करने की बात की थी.
जब संवैधानिक शपथ लेने वाले नेता और
राज्य के मुखिया अपने बयानों को इस तरह से बदलते हैं और
विधानसभा के पटल पर झूठ बोलते हैं,
तो इससे जनता और सरकार के बीच विश्वास की डोर कमजोर पड़ जाती है.
कल विधानसभा में मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया है कि सरकार की दिशा और दृष्टि दोनों गलत है.
उक्त बातें आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही.
झारखंडी कौन? स्पष्ट करे सरकार
देवशरण भगत ने कहा कि स्थानीयता के मुद्दे पर ही इन्होंने 2012 में सरकार गिराई थी. 2019 में इसी आधार पर वे सरकार में आये. और जब जनता ने हेमंत सोरेन को सत्ता का कमान सौंपा, और निर्णय लेने का समय आया तो ये बोलते हैं कि खतियान के आधार पर नियोजन न्यायसंगत नहीं है. मुख्यमंत्री ने झारखंड और झारखंड की जनता को धोखा दिया है. आखिर झामुमो सरकार किसे स्थानीय मानती है, यह स्पष्ट करे.
अपने ही वादों से मुकर गए मुख्यमंत्री
आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने झारखण्ड की जनता को बरगला कर वोट लिया और जब वादों को पूर्ण करने का वक्त आया तो इन्होंने यू-टर्न ले लिया. यही बात इन्होंने नौकरी को लेकर भी की. चुनावी सभाओं, फेसबुक पोस्ट, ट्विटर हर जगह पर इन्होंने पांच लाख नौकरी देने की बात की थी, आज भी वो विजुअल तथा न्यूज कटिंग पब्लिक डोमेन में हैं. विधानसभा के पटल पर कल मुख्यमंत्री अपने ही वादों से मुकर गए और नौकरी को लेकर नयी परिभाषा दे दी.
समय-समय पर जनता को आजसू ने आगाह भी किया
देवशरण भगत ने कहा कि आजसू पार्टी शुरु से ही सरकार की मंशा समझ गयी थी और समय-समय पर हमने जनता को आगाह भी किया. हमें वादाखिलाफी का शुरू से संदेह था. इसी कारण से हमने 29 दिसंबर 2020 तथा 28 दिसंबर 2021 को विश्वासघात दिवस भी मनाया था. मुख्यमंत्री ने झारखण्ड की भोली-भाली जनता के बीच भ्रम का जाल फैलाया, उनका वोट लिया और फिर उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया.
सरकार का कोई भी कार्य धरातल पर नहीं उतरा
देवशरण भगत ने कहा कि ढाई साल में किसी भी गरीब को तीन लाख का आवास नहीं मिला, बेरोज़गारी भत्ता की बात को गौण कर दिया गया, संसाधनों का दोहन चरम पर है. सरकारी संरक्षण में ट्रांसफर पोस्टिंग और खनिज लूट का खेल चल रहा. मुख्यमंत्री सचिवालय तक इस लूट की तारें जुड़ी हुई हैं. ढाई सालों में इनका एक भी कमिटमेंट धरातल पर नहीं उतरा. झामुमो महागठबंधन की सरकार ने राज्य को गहरे अंधेरे में डाल दिया है.
सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेगी आजसू पार्टी
उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी ने कभी भी झारखंड एवं झारखंडियों के मुद्दों से समझौता नहीं किया है. जब हम भाजपा के साथ सरकार में थे तब भी स्थानीय एवं नियोजन नीति को लेकर अपनी आवाज़ बुलंद की थी. अपनी ही सरकार के विरोध में हमने मोर्चा खोला. आजसू पार्टी ना तब चुप थी और ना ही आज चुप रहेगी. जनहित के मुद्दों को लेकर हम निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे.
जेल भरो अभियान को लेकर तैयारियां हुई तेज़
सात मांगों को लेकर 14 अप्रैल को भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर आजसू पार्टी द्वारा होने वाले जेल भरो आंदोलन को लेकर तैयारियां तेज़ कर दी गयी हैं. राज्य के हर थाने में सभी कार्यकर्ता अपना झारखंडी परिचय देंगे.
रिपोर्ट : शाहनवाज
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