Desk. तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने हिंदी भाषा के खिलाफ जंग छेड़ते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। साथ ही उन्होंने अन्य भारतीय भाषाओं को सचेत किया है। उन्होंने कहा है कि हिंदी ने कितनी भारतीय भाषाओं को निगल लिया है। वहीं उनके इस बयान पर केंद्रीय मंत्री ने उन पर पलटवार किया है।
तमिलनाडु के सीएम का हिंदी के खिलाफ पोस्ट
दरअसल, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने हिंदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, अन्य राज्यों के मेरे प्यारे बहनों और भाइयों, क्या आपने कभी सोचा है कि हिंदी ने कितनी भारतीय भाषाओं को निगल लिया है? भोजपुरी, मैथिली, अवधी, ब्रज, बुंदेली, गढ़वाली, कुमाऊंनी, मगही, मारवाड़ी, मालवी, छत्तीसगढ़ी, संथाली, अंगिका, हो, खरिया, खोरठा, कुरमाली, कुरुख, मुंडारी और कई अन्य अब अस्तित्व के लिए हांफ रही हैं।
उन्होंने आगे लिखा, एक अखंड हिंदी पहचान के लिए प्रयास ही प्राचीन मातृभाषाओं को नष्ट करता है। यूपी और बिहार कभी भी सिर्फ “हिंदी हार्टलैंड” नहीं थे। उनकी वास्तविक भाषाएं अब अतीत के अवशेष हैं। तमिलनाडु विरोध करता है क्योंकि हम जानते हैं कि इसका अंत कहां होगा। तमिल जागृत; तमिल राष्ट्र की संस्कृति बच गयी! कुछ भाषाओं ने हिंदी को रास्ता दिया; वे बिना किसी निशान के गायब हो गए।”
सीएम स्टालिन पर केंद्रीय मंत्री का पलटवार
तमिलनाडु के सीएम के पोस्ट पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पलटवार करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट लिखा, उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, समाज को बांटने की ऐसी छिछली कोशिशों से खराब शासन व्यवस्था कभी छिप नहीं सकेगी। ये जानना दिलचस्प होगा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी क्या कहते हैं। क्या वह एक हिंदी भाषी सीट के सांसद के रूप में सहमत हैं?
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