कैमूर : गर्मी की आहट के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के लिए परेशानी प्रारंभ हो गई है। गांवों में पेयजल सुविधाओं की कमी है। विभाग द्वारा गांवों में पेयजल के लिए योजना एवं व्यवस्था होने के दावे तो किए जाते हैं मगर हकीकत बहुत कड़वी है। अब भी कई गांव ऐसे हैं जहां वर्षों बाद भी पेयजल की समस्या का निराकरण नहीं हो सका है। इन गांवों की नल-जल योजना या तो अधूरी पड़ी हैं या फिर पूरी तरह फ्लॉप हो गई हैं।
इन गांवों में है दिक्कत
मोहनिया प्रखंड व भभुआ के दर्जनों गांवों में गर्मी के आगमन के साथ ही पेयजल की समस्या आना शुरू हो गई है। इनमें से कुछ गांवों में योजना के नाम पर नल-जल योजना तो है लेकिन उनकी स्थिति अच्छी नहीं है। कुछ गांव में तो नल-जल योजना ही नहीं है। गर्मी के पहले पेयजल आपूर्ति के लिए पीएचई विभाग को जो होमवर्क करना चाहिए वह अबतक विभाग करता नहीं दिख रहा है। विभाग की इस सुस्ती का दुष्परिणाम ग्रामीण पेयजल की किल्लत झेलकर उठाएंगे।
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विवेक कुमार सिन्हा की रिपोर्ट
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