पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे के बाद अब बिहार में सियासत काफी तेज हो गई है। तेज सियासत को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने और भी अधिक भड़का दिया है। तेजस्वी ने PM मोदी के कार्यक्रम के बाद राजधानी पटना में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार को पॉकेटमार प्रधानमंत्री और अचेत मुख्यमंत्री की जरूरत नहीं है। तेजस्वी के इस बयान के बाद बिहार की सियासत में भूचाल आ गया है। तेजस्वी के बयान पर पलटवार करते हुए जदयू ने जहां लालू यादव को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह साफ पता चल रहा है कि लालू जी ने अपने बच्चों को कैसा संस्कार और ज्ञान दिया है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने लालू परिवार को हताश और निराश बताया।
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दिलाई फिल्म दीवार की याद
तेजस्वी के बयान पर पलटवार करते हुए बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू जी का परिवार हताश हो चुका है। बिहार की जनता की नब्ज स्पष्ट है कि PM नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बिहार की सेवा कर करेंगे। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दीवार फिल्म की याद दिलाते हुए कहा कि जिस तरह से फिल्म में अमिताभ बच्चन ने हाथ पर लिख लिया था कि मेरे पिता जी चोर हैं उसी तरह तेजस्वी यादव के बयान से स्पष्ट झलकता है। जिसके घर में पंजीकृत अपराधी हैं वह दूसरे को अपराधी कह रहे हैं।
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जैसी मानसिकता होती है उसी तरह की सोच होती है। मैं बिहार की जनता को स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि 2014 से 2025 तक PM नरेंद्र मोदी जी की केंद्र सरकार ने लगभग 14 लाख करोड़ रुपया बिहार की जनता के विकास के लिए दिया है जबकि लगभग 7 से 8 लाख करोड़ रुपया सीधे खर्च किया है। इसलिए लालू जी का परिवार बिहार के विकास से हताश है और बिहार की जनता उन्हें इसका जवाब देगी।
लालू जी ने बेटा को नहीं दिया संस्कार और भाषा का ज्ञान
वहीं दूसरी तरफ जदयू की तरफ से तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि आदमी जैसा अन्न खाता है वैसा ही संस्कार होता है। स्वाभाविक रूप से तेजस्वी यादव एक सजायफ्ता के बेटा हैं। प्रधानमंत्री से वैचारिक भिन्नता हो सकती है लेकिन उन्होंने भाषा की मर्यादा लाँघ दी। राजनीति की लंपट भाषा का इस्तेमाल देश के PM के लिए कर दिया। यह बताता है कि चरवाहा विद्यालय के कुलाधिपति लालू यादव ने अपने बेटा को न तो संस्कार दिया न मर्यादा दी और न ही भाषा का ज्ञान दिया। बिहार की जनता सब देख रही है और सब जानती है।
90 का दशक प्रमाणित करता है किसने किया जनता के पैसे का दुरूपयोग
वहीं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ये लोग किस तरह की भाषा का उपयोग करते हैं। जनता के पैसे का दुरूपयोग किसने किया था यह 90 का दशक प्रमाणित करता था। 90 का दशक वह दशक है जब लोगों को अपना घर जमीन व्यवसाय छोड़ कर बिहार से पलायन करना पड़ा था। उनकी आँखों में वह दर्द दिख रहा है। अब लोग वापस अपने घर की तरफ वापस आने लगे हैं और यह सिर्फ एनडीए की सरकार में ही संभव हो सका है।
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