पटना: पश्चिम चंपारण में स्थित एमजेके कॉलेज के द्वारा छात्रों के लिए जारी एक फरमान पर बवाल मच गया है। दरअसल एमजेके कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को सीधी चेतावनी दी है कि जो छात्र आगामी 25 अक्टूबर को एबीवीपी के सेमिनार में भाग नहीं लेंगे आंतरिक मूल्यांकन में उनके दस नंबर काट लिए जायेंगे। कॉलेज प्रशासन के इस फैसले के बाद कई छात्रों में उहापोह की स्थिति हो गई जबकि कई छात्रों ने इसका विरोध भी किया। इधर राजद ने भी कॉलेज प्रशासन के इस नोटिस को आड़े हाथों लिया और कॉलेज प्रशासन पर हमला बोला।
राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि एमजेके कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को एबवीपी के कार्यक्रम में शामिल होने का फरमान जारी किया है जो कहीं से उचित नहीं है। इस तरह का फरमान कॉलेज खराब करने का एक प्रयास है और इससे स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं कॉलेज प्रशासन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राजनीति को आधार देना चाहती है। कॉलेज प्रशासन छात्रों को मजबूर कर रहा है कि एबीवीपी के कार्यक्रम में जाओ। यह बात शिक्षा के वातावरण को दूसरी ओर भटकाने का प्रयास है। इस तरह की राजनीति करने वाले कॉलेज पर सरकार तुरंत संज्ञान ले और कॉलेज प्रशासन समेत प्राचार्य पर कार्रवाई करे।
किसी भी छात्रको किसी छात्र संगठन से जुड़ने के लिए मजबूर किया जाना कहीं न कहीं शिक्षा और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इधर खबर मीडिया में आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने अपना फरमान वापस ले लिया। प्रभारी प्राचार्य योगेंद्र सम्यक ने बताया है कि फरमान को वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की सूचना देने के लिए कॉलेज प्रशासन खेद प्रकट करता है और उस सूचना को वापस करता है। आदेश को कॉलेज प्रशासन वापस लेता है।
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