मोतिहारी : मोतिहारी के लखौड़ा थाना क्षेत्र से होकर गुजरने वाली सिकरहना नदी के बांध पर एक नाव से एक नाविक समेत 15 लोग जानवर के लिए चारा काटने गए थे। जाने से पहले सत्यनारायण सहनी ने वीडियो बनाकर फेसबुक पर पोस्ट किया। उसके बाद बांध पर से मवेशी के लिए चारा लेकर वापस होने वक्त तेज हवा बहने से नाव असंतुलित होकर पलट गई। जिसमें 13 लोगों ने किसी तरह तैरकर जान बचाया और इसकी सूचना गांव वाले को दिया। जिसके बाद गांव वाले दूसरे नाव लेकर नदी में उतर गए और तलाशी शुरू कर दी।
12 लोगों ने तैरकर जान बचायी, 3 की मौत
आपको बता दें कि इस दौरान रात्रि में ही कैलाश सहनी को स्थानीय गोताखोर ने ढूढ़ निकाला। तबतक उनकी सांसे चल रही थी। जबतक डॉक्टर के पास लेकर चलते तबतक उनकी मौत हो गई। ग्रामीण ने इसकी सूचना लखौरा थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार पासवान को दिया। जिसके बाद इसकी सूचना एनडीआरएफ की टीम को दी गई। सुबह सात बजे से एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शुरू किया। करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाबूलाल और मुकेश को ढूंढ़ निकाला। जैसे ही मुकेश और बाबूलाल सहनी का शव आया, वैसे ही चीख पुकार मच गया। वहां मौजूद लोगों की आंखे नम हो गई थी। परिजन रोते विलखते नजर आए। गांव वालों किसी तरह उन्हें चुप करा सांत्वना देने में जुटे रहे। तीनों के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। रात भर गांव वालों नदी किनारे रतजगा किया।
इस खबर के बाद लोगों की चीख पुकार मच गयी
ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही इस बात की जानकारी मिली कि नाव पलट गया है और दो लोग लापता हैं। पूरे गांव के लोग नदी के चारों तरफ से घेरकर बैठे रहे। सुबह में जब एनडीआरएफ की टीम आई उनके साथ स्थानीय गोताखोर भी जाकर दोनों के शवों की तलाश की। शव मिलने के बाद गांव के लोग नदी किनारे से हटे। इस खबर के बाद गांव में मातम छा गया। जबतक दोनों का शव नहीं मिला तबतक पूरे गांव के लोग इकट्ठा होकर उनका इंतज़ार कर रहे थे। सभी की आंखें नम थी। बस ईश्वर से यही प्रार्थना कर रहे थे कि दोनों सकुशल मिल जाए। लेकिन जैसे ही दोनों का शव बाहर आया सभी की आंखें नम हो गई। मौके पर सीओ नहीं पहुंची थी।
CO को नहीं पहुंचने पर लोग काफी आक्रोशित हो गए
इतना बड़ा नाव हादसा होने के बाद भी सदर सीओ घटनास्थल पर नहीं पहुंची थी। जिसके वजह से लोगों में काफी आक्रोश भी देखने को मिला। संयोग अच्छा था कि जब ग्रामीणों ने सीओ को फोन किया तो वह फोन नहीं उठायी। डीएम सौरभ जोरवाल को घटना की जानकारी दी गई। उन्होंने त्वरित एनडीआरएफ की टीम बुलाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया। दोनों के शव को बरामद कराया। ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग किया।
ग्रामीणों ने लखौड़ा थाना क्षेत्र को बाढ़ग्रस्त घोषित करने की मांग की
इधर, वहां मौजूद ग्रामीणों ने प्रशासन से सबसे पहले तो लखौड़ा थाना क्षेत्र को बाढ़ग्रस्त घोषित करने की मांग की। इसके बाद मृतक के परिजनों को सरकारी मुआवजा देने की भी मांग किया है। ग्रामीण शिवलाल साहनी ने कहा कि मृतक के परिजनों को कम से कम 25-25 लाख रुपए व सरकारी सहायता दिया जाए। ताकि उनके परिवार का भरण- पोषण हो सके। लखौड़ा थानाध्यक्ष प्रवीण पासवान ने बताया कि तीनों शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
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सोहराब आलम की रिपोर्ट
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