रांचीः रिम्स में डॉ मदन की संदेहास्पद मौत मामले में अभी तक सही कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ साफ हो पाएगा कि यह हत्या है या आत्महत्या। इस हाई प्रोफाइल मौत मामले में डॉ मदन के परिवार के लोगों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
उनके साथी डॉक्टर के अनुसार वह बहुत ही नम्र स्वभाव के थे और उनकी किसी से दुश्मनी भी नहीं थी। मालूम हो कि डॉ मदन का जला हुआ शव बीते 2 नवंबर को रिम्स के हॉस्टल परिसर से बरामद किया गया था। वही हॉस्टल के छत पर मोबिल गिरे पाए गए थे, जहां पैरों के निशान भी मिले।
मदन रिम्स में फॉरेंसिक एंड मेडिसिन विभाग के सेकेंड ईयर के छात्र थे। डॉ मदन के संदेहास्पद मौत मामले में यह भी सवाल उठ रहे हैं कि इतनी सुबह जब डॉ मदन के शरीर में आग लगी, तब किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश क्यों नहीं की।
तमिलनाडू के सीएम ने हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर हाई लेबल जांच का अनुरोध किया
मदन खुद फॉरेंसिक एंड मेडिसिन डिपार्टमेंट के सेकंड ईयर के छात्र थे फिर भी उन्होंने इतनी दर्दनाक मौत क्यों चुनी। पुलिस फिलहाल इसके अलावे अन्य बिन्दुओं पर भी जांच कर रही है। कुछ दिन बाद ही मामला साफ हो पाएगा कि यह हत्या थी या आत्महत्या।
तमिलनाडू के सीएम ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर डाॅक्टर मदन के मौत के मामले में हाई लेबल जांच की मांग की है। तमिलनाडू से जो सूचना मिल रही है उसके अनुसार डाॅ मदन का परिवार उनसे मिलकर बेटे की मौत के मामले में सहयोग करने की अपील की है।