जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की तारीखों का आज होगा ऐलान, बड़ा सवाल झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव को लेकर क्या निर्णय करेगा आयोग

जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की तारीखों का आज होगा ऐलान, बड़ा सवाल झारखंड और महराष्ट्र के चुनाव को लेकर क्या निर्णय करेगा आयोग

रांची: आज दोपहर तीन बजे भारत निर्वाचन आयोग एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। यह घोषणा महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 में धारा 370 के खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के अधिकारियों के साथ इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। इसके अलावा, झारखंड और महाराष्ट्र में भी इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन राज्यों के चुनाव कार्यक्रम पर भी कोई घोषणा की जाएगी या नहीं। यह उम्मीद इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश में एक साथ चुनाव कराने का विचार व्यक्त किया था।

हरियाणा विधानसभा की स्थिति: हरियाणा की विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में तीन सीटें खाली हैं। बीजेपी के पास 41 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 29, जेजेपी के पास 10, और INLD तथा HLP के पास एक-एक विधायक हैं। इसके अलावा, सदन में पांच निर्दलीय विधायक भी हैं।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव की चुनौतियाँ: जम्मू-कश्मीर को 2019 में केंद्र शासित क्षेत्र बनाए जाने के बाद से राजनीतिक दल राज्य का दर्जा वापस देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि पहले चुनाव होंगे और उसके बाद ही राज्य का दर्जा वापस दिया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन से चार चरणों में हो सकते हैं। संभावना है कि सितंबर में मतदान प्रक्रिया पूरी कराकर इसी महीने के अंत तक नतीजों का ऐलान किया जा सकता है। लेकिन सुरक्षा की चुनौती बड़ी है, क्योंकि हाल के दिनों में आतंकी गतिविधियों में अचानक बढ़ोतरी हुई है। इसका असर चुनावी कार्यक्रम पर पड़ सकता है।

जम्मू-कश्मीर का परिसीमन: लंबे समय तक परिसीमन का काम पूरा न हो पाने के कारण जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं हो पाए थे। मई 2022 में परिसीमन के बाद अब विधानसभा में सीटों की संख्या 90 हो गई है। इसमें जम्मू की 43 और कश्मीर की 47 सीटें शामिल हैं। 2014 में 87 सीटों पर चुनाव हुए थे, जिनमें जम्मू की 37 और कश्मीर घाटी की 46 सीटें शामिल थीं, जबकि लद्दाख की 6 सीटें भी थीं।

लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर में मतदान को लेकर भारी उत्साह देखा गया था, जिसमें श्रीनगर में मतदान ने नया रिकॉर्ड बनाया था। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों में भी लोगों का उत्साह उच्च स्तर पर रहेगा। चुनाव आयोग की इस महत्वपूर्ण घोषणा का सभी राजनीतिक दलों और आम जनता को बेसब्री से इंतजार है।

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