रांची: राजधानी रांची के धुर्वा डैम में जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, लेकिन 16 साल बाद पहली बार पांचों फाटकों को खोलने की कवायद फिलहाल विफल हो गई है। सोमवार को सिंचाई और पेयजल विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में जब फाटकों को खोलने का प्रयास किया गया, तो तकनीकी खामी के चलते प्रक्रिया बीच में ही रोक दी गई।
बताया गया कि डैम का जलस्तर सामान्य से लगभग 3 फीट ऊपर चला गया है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने राजधानी के कई इलाकों को जलमग्न कर दिया है। ऐसे में डैम से अतिरिक्त पानी निकालना जरूरी हो गया था, लेकिन फाटकों की पुरानी संरचना और जरूरी उपकरणों की अनुपलब्धता के कारण यह प्रयास सफल नहीं हो पाया।
क्या रही विफलता की वजहें?
सूत्रों के मुताबिक, डैम के फाटकों की देखरेख और मरम्मत पिछले कई वर्षों से नहीं की गई थी। जब सोमवार को फाटक खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई, तो उसमें लगा “बेयरिंग” स्लिप कर गया, जिससे पूरी प्रक्रिया को रोकना पड़ा। अधिकारियों का कहना है कि कुछ आवश्यक संसाधन मौके पर उपलब्ध नहीं थे, जिसके कारण फाटक खोलने की प्रक्रिया अधूरी रह गई।
क्या है प्रशासन की तैयारी?
सवाल यह भी उठ रहा है कि यदि जलस्तर और बढ़ा और फाटक खोलने की स्थिति आती है, तो आसपास के निचले इलाकों में जल भराव या बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं। इस पर जिला प्रशासन ने दावा किया है कि यदि फाटक खोले भी जाते हैं, तो संभावित हालात से निपटने के लिए एक रोडमैप तैयार कर लिया गया है। जल निकासी के साथ-साथ निचले क्षेत्रों में अलर्ट जारी करने और आवश्यक बचाव कार्य की योजना तैयार की जा रही है।
जनता में चिंता और नाराजगी
डैम के पास मौजूद स्थानीय लोगों में भय का माहौल है। उनका कहना है कि इस बार बारिश के साथ ही प्रशासन ने उचित इंतज़ाम नहीं किए, जिससे शहर के कई हिस्सों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। लोगों ने नगर निगम पर भी लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
अब आगे क्या?
फिलहाल विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बहुत जल्द जरूरी संसाधन उपलब्ध कराकर दोबारा प्रक्रिया शुरू की जाएगी और फाटक खोले जाएंगे। ऐसे में आने वाले कुछ दिन राजधानी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
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