Rohtas-राजद नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ कांति सिंह ने बिहार में जारी शराबबंदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इसकी समीक्षा बैठक को हास्यास्पद करार देते हुए कहा है कि सरकार का मशीनरी के पर से नियंत्रण खो चुका है.
डॉ कांति सिंह ने शराबबंदी के तौर-तरीकों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि अधिकारियों द्वारा शराबबंदी की जिम्मेवारी चौकीदारों पर डाल कर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की जा रही है. जबकि सच्चाई यह है कि शराब माफियाओं को मंत्री और अधिकारियों द्वारा ही संरक्षण दिया जा रहा है. शराब की होम डिलीवरी की शुरुआत कर एक नई परंपरा की शुरुआता की जा रही है. अब तो शराबबंदी के नाम पर शादी-ब्याह में महिलाओं को भी परेशान किया जाने लगा है. यह बेहद आपत्तिजनक है.
बता दें कि बिहार में जहरीली शराब से हो रही लगातार मौतों के बाद शराब से मौत की स्थिती में स्थानीय प्रशासन और चौकीदारों को सीधा जिम्मेवार बनाया गया है. शराब से मौत की स्थिति में पहला गाज इन्ही पर गिरता है. जबकि बड़े अधिकारियों को एक हद तक इससे सुरक्षा मिल जाती है.
यहां यह बताना भी जरुरी है कि जब शराबबंदी की घोषणा की गई थी तब राजद भी सरकार का हिस्सा था और तब शराबबंदी को लेकर राजद में एक हद तक आम सहमति थी.