हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ध्वनि प्रदूषण से कानून का उल्लंघन होने पर मांगा जवाब 

रांची: ध्वनि प्रदूषण रूल का उल्लंघन होने को लेकर दाखिल झारखंड सिविल सोसाइटी की जनहित याचिका की सुनवाई मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई। मामले में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि रात 10:30 बजे के बाद बारात लगने से ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम को लेकर क्या एक्शन लिया गया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 11 जुलाई निर्धारित की है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता खुशबू कटारुका ने पैरवी की। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि शहर के आवासीय इलाके में बने बैंकट हॉल, धर्मशाला, मैरिज हॉल आदि जगहों पर रात 10:30 बजे के बाद बारात को लगने की अनुमति नहीं दी जाए. लाउडस्पीकर या डीजे के शोर-शराबे के साथ रात 10:30 बजे के बाद इन जगहों पर बारात लगती है.

लेकिन धर्मशाला, मैरिज हॉल संचालकों द्वारा के उन्हें 10:30 बजे के पहले बरात लगाने को नहीं कहा जाता है। रात 10:30 बजे के बाद लाउडस्पीकर एवं डीजे के शोर-शराबे के साथ बारात लगने से आवासीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। यह ध्वनि प्रदूषण रूल का उल्लंघन है। सरकार को इस पर रोक लगाना चाहिए। साथ ही ध्वनि प्रदूषण के प्रावधान का पालन करना चाहिए। रात 10:30 के बाद वेंकट हॉल, धर्मशाला आदि जगहों पर लाउडस्पीकर या डीजे के साथ बारात लगाने की स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिए।

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