Bokaro : विस्थापित आंदोलन के दौरान घायल हुए प्रेम महतो का पार्थिव शरीर शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद बोकारो जनरल अस्पताल से उनके पैतृक गांव नावाडीह लाया गया। जिसके बाद गांव से बड़ी संख्या में शव यात्रा निकाला गया। शव यात्रा से पहले मिनट का मौन रखकर जिला प्रशासन के समक्ष उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
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इसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए बरवघाट ले जाया गया, जहां अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, स्थानीय नेताओं और विस्थापित समुदाय के लोगों ने भाग लिया। इस दौरान “प्रेम महतो अमर रहें” के नारों से वातावरण गूंज उठा।
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Bokaro : सीआईएसएफ लाठीचार्ज में हो गई थी मौत
बता दें कि गुरुवार को बोकारो एडीएम कार्यालय के सामने विस्थापितों द्वारा मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी दौरान सीआईएसएफ जवान द्वारा लाठीचार्ज में प्रेम महतो गंभीर रूप से घायल हो गया था। आनन-फानन में उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
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मौत के विरोध में विस्थापितों ने शुक्रवार को बोकारो बंद का आह्वान किया था और बीएसल का काम भी ठप करा दिया था जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ था। प्रेम महतो की मौत को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं प्रशासन ने पीड़ित परिवार को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की है।
बोकारो से चुमन कुमार की रिपोर्ट–