चतरा : चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने प्रदेश की हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठित गठबंधन की सरकार पर लोक आस्था, लोक चेतना व लोक संस्कृति की अनदेखी करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए इशारों-इशारों में ही कहा है कि पर्यटन विकास की योजनाओं को सरकार ठंडे बस्ते में डाल रही है. माँ भद्रकाली को बौद्ध व जैन सर्किट से जोड़ने में राज्य सरकार पर दिलचस्पी नहीं दिखाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने पर्यटन विकास के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक विकास में उदासीन रवैया अपनाने का भी आरोप सरकार पर लगाया है.
उन्होंने कहा कि हम सरकार से अनुदान नहीं बल्कि मदद मांग रहे हैं. क्यूंकि योजना क्रियान्वयन के बाद मदद से ज्यादा सरकार को यहां से राजस्व की प्राप्ति होगी. तीन दिवसीय इटखोरी राजकीय महोत्सव के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने पहुंचे सांसद ने कहा है कि अवसर महोत्सव का है, और हम राजनीतिक टीका-टिप्पणी से बचना भी चाहते हैं. लेकिन सरकार आस्था, चेतना व लोक संस्कृति की अनदेखी कर इसकी भावनाओं के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है. जिसके कारण राज्य में पर्यटन विकास की योजनाएं बिल्कुल थम सी गई है.
उन्होंने कहा है कि पर्यटन को बढ़ावा देने से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन से ना सिर्फ विकास का मार्ग खुलता है, बल्कि सामाजिक, संस्कृतिक विकास के साथ-साथ आर्थिक विकास की प्रक्रिया भी मजबूत होती है. सरकार से आशा है और मैं आग्रह भी कर रहा हूं की मां भद्रकाली को बौद्ध और जैन सर्किट से जोड़ने संबंधित योजना क्रियान्वयन में अपनी सार्थक भूमिका अदा करें. क्योंकि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा घोषित इस महत्वाकांक्षी योजना के पूर्ण होने से सरकार की विश्वसनीयता बनी रहने के साथ-साथ हमारी व स्थानीय लोगों की अपेक्षाएं भी पूर्ण होंगी. चतरा के विकास में राज्य सरकार की यह सर्किट योजना मील का पत्थर साबित होगी.
गौरतलब है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने शासनकाल में करीब पांच सौ करोड़ रुपए खर्च कर मां भद्रकाली को जैन तीर्थ स्थल पारसनाथ और बौद्ध तीर्थ स्थल बोधगया सर्किट से जोड़ने की घोषणा की थी. इसे लेकर सर्वे का काम भी लगभग पूरा हो चुका था. लेकिन सरकार बदलते ही यह अति महत्वकांक्षी योजना ठंडे बस्ते में चली.
रिपोर्ट: सोनु भारती