रांची : झारखंड हाईकोर्ट में सातवीं जेपीएससी में मॉडल आंसर गलत होने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में हुई. इस दौरान मुख्य परीक्षा पर रोक लगाए जाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उसे खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि वह इस विषय का एक्सपर्ट नहीं है. इसलिए मुख्य परीक्षा पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई जाएगी. इस संबंध में प्रार्थी शेखर सुमन की ओर से याचिका दाखिल की गई थी.
बता दें कि दायर याचिका में कहा गया था कि जेपीएससी की ओर से गलत मॉडल आंसरशीट के आधार पर प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया है. जबकि इससे पूर्व सभी अभ्यर्थियों से जेपीएससी ने आपत्ति मांगी थी. उनकी ओर से भी करीब पांच प्रश्नों का उत्तर गलत होने का दावा करते हुए संबंधित दस्तावेज जेपीएससी को दिए गए थे, लेकिन जेपीएससी ने गलत आंसर के आधार पर ही परिणाम जारी कर दिया है. इस कारण मुख्य परीक्षा पर रोक लगा देनी चाहिए.
याचिका में प्रार्थी का कहना था कि कुल आठ प्रश्नों के मॉडल उत्तर गलत है, इसलिए प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम निरस्त होना चाहिए. याचिका में मुख्य परीक्षा के लिए भरे जा रहे फॉर्म पर रोक लगाने की मांग की गई थी. प्रार्थी की ओर से पेपर वन के छह और पेपर दो के दो मॉडल उत्तर को गलत बताते हुए संबंधित दस्तावेज भी जेपीएससी को दिया गया था, लेकिन जेपीएससी की ओर से संशोधित परिणाम में उत्तर में सुधार नहीं किया गया. इसलिए परिणाम को निरस्त करने की मांग की गई थी.
रिपोर्ट : प्रोजेश