पटना : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने भीषण गर्मी को लेकर बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी चेतावनी दे रही है कि कोई राह निकालें। अन्यथा विनाश दिखाई दे रहा है। गांधी संभवतः पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कहा था कि आधुनिक सभ्यता विकास की नहीं विनाश की सभ्यता है। यह उन्होंने 1909 में कहा था। हिंद स्वराज उनके विचारों की बीज पुस्तक है। इसको शुरू करने के बाद उन्होंने एक ही बैठकी में पूरा किया था। सवाल जवाब की शक्ल में यह किताब लिखी गई है।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि दुर्भाग्य है कि आजादी के बाद भारत ने आधुनिक बनने के चक्कर में पश्चिमी सभ्यता के जैसा उपभोग को ही अपना लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी हमलोग भीषण गर्मी के रूप में प्रकृति का प्रकोप झेल रहे हैं। देश भर में हज़ारों लोगों को गर्मी के इस प्रकोप ने निगल लिया है। बिहार में भी सैकड़ों लोग लू के शिकार हो चुके हैं। युरोप के कई देशों में पर्यावरण को बचाने के लिए लोग उग्र विरोध कर रहे हैं।
राजद नेता ने कहा कि दुर्भाग्य से प्रकृति की मार के शिकार गरीब ही होते हैं, काम नहीं है। पेट खाली है, खाली पेट वाले ही मौत के शिकार ज़्यादा हो रहे हैं। बिहार सरकार इस मामले में पिछड़ गई। कम से कम सस्ती रसोई का इंतजाम तो होना चाहिए था। जो नहीं हो पाया। जाड़े के समय तो सरकार थोड़ा बहुत इंतजाम कर देती है। लेकिन गर्मी के मौसम में सरकार किंकर्तव्यविमूढ़ बनी हुई है। सीएम नीतीश कुमार का ध्यान इस मोर्चे पर नहीं गया। अब तो अनेक रूपों में प्रकृति का प्रकोप हो रहा है। इन सबके लिए तैयार रहने की जरूरत है।
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अविनाश सिंह की रिपोर्ट