रांची : झारखंड के साथ ही पूरे देश में जातिगत जनगणना को लेकर पक्ष और विपक्ष में तर्क दिए जा रहे हैं। झारखंड की महागठबंधन सरकार में शामिल घटक दलों में इसे लेकर एक राय नहीं है। दूसरे शब्दों में कहें तो जातिगत जनगणना को लेकर सरकार के अंदर ही मतभेद है।
जातिगत जनगणना से समाज में बढ़ेगी दूरियां : आलमगीर आलम
कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम ने जातिगत जनगणना को लेकर अलग ही बात कह डाली है। रांची में न्यूज 22scope के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि, उनका व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि, जाति आधारित जनगणना से समाज में दूरियां बढ़ेगी और विद्वेष का वातावरण बनेगा। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि, जल्द ही पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर इस पर बयान जारी किया जाएगा।
जातिगत जनगणना के समर्थन में झामुमो
महागठबंधन की सरकार झामुमो की अगुवाई में काम कर रही है। पार्टी एक बार नहीं बल्कि कई बार दोहरा चुकी है कि, झामुमो जातिगत जनगणना के समर्थन में है। रांची में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि, उनकी पार्टी ना सिर्फ जातिगत जनगणना के समर्थन में है बल्कि जेएमएम धर्म आधारित जनगणना के समर्थन में है। उन्होंने कहा कि, जनगणना में सरना धर्म कोड के लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए।
झामुमो के साथ राजद
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के गठन के बाद यह पहला मौका है जब जातिगत जनगणना को लेकर झामुमो और कांग्रेस के बीच मतभेद उभर कर सामने आया है। हालांकि, महागठबंधन में शामिल राजद झामुमो के साथ खड़ी है।