Desk. UPI पेमेंट को लेकर जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) अब बायोमेट्रिक व फेस ऑथेंटिफिकेशन के जरिए यूपीआई पेमेंट को सक्षम बनाने पर विचार कर रहा है। इस नए सिस्टम के लागू होने पर पिन डालने की प्रक्रिया वैकल्पिक हो जाएगी।
क्या है नया प्रस्ताव?
अभी तक किसी भी UPI लेनदेन के लिए 4 से 6 अंकों का पासकोड (UPI पिन) डालना अनिवार्य होता है। लेकिन नए प्रस्ताव के तहत फिंगरप्रिंट, फेस स्कैन, या आंख की पुतलियों का स्कैन जैसे बायोमेट्रिक डेटा के जरिए लेनदेन संभव होगा। इससे न केवल प्रक्रिया सरल होगी बल्कि यूपीआई ट्रांजेक्शन में तेजी भी आएगी।
सुरक्षा होगी पहले से ज्यादा मजबूत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बदलाव डिजिटल फ्रॉड को रोकने में बेहद मददगार साबित हो सकता है। शारीरिक पहचान की नकल करना या चुराना, पासवर्ड या पिन के मुकाबले कहीं अधिक कठिन होता है। इससे खासकर उन लोगों को राहत मिलेगी, जिन्हें पिन याद रखने में दिक्कत होती है, जैसे कि सीनियर सिटीजन्स या कम पढ़े-लिखे यूजर्स।
UPI का तेजी से बढ़ता दायरा
RBI की जून 2025 की पेमेंट सिस्टम रिपोर्ट के अनुसार, UPI के जरिए हुए लेनदेन की संख्या 18.39 अरब पहुंच चुकी है, जिसकी कुल वैल्यू 24.03 लाख करोड़ रुपये थी। बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए, सरकार और नियामक संस्थाएं UPI को और अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में लगातार कदम उठा रही हैं।
NPCI फिलहाल इस तकनीक को लेकर पायलट प्रोजेक्ट और तकनीकी परीक्षण कर रहा है। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में चरणबद्ध तरीके से यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
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