झारखंड की इन लोकसभा सीटों पर होगा त्रिकोणीय मुकाबला,किसे मिलेगा फायदा और किसको होगा नुकसान!

झारखंड की इन लोकसभा सीटों पर होगा त्रिकोणीय मुकाबला,किसे मिलेगा फायदा और किसको होगा नुकसान!

Jharkhand : 2024 का लोकसभा चुनाव झारखंड में हर रोज नए रंग दिखा रहा है। राज्य में फिलहाल 3 सीट ऐसे हैं जहां पर कड़ी टक्कर त्रिकोणीय मुकाबले के तौर पर होने वाली है।

लोहरदगा,राजमहल और गिरिडीह यह तीनों लोकसभा इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के गवाह बनेंगे। इन लोकसभा क्षेत्र में अभी यह कहना आसान नहीं होगा किसकी जीत होगी।

लोहरदगा में समीर उरांव, सुखदेव भगत एनडीए और इंडिया गठबंधन की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं तो चमड़ा लिंडा भी लोहरदगा से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी लगभग कर चुके हैं, लोहरदगा में अगर यही समीकरण चुनाव में देखने को मिलता है तो आसानी से यह कहना संभव ही नहीं है कि चुनाव में किसका पलड़ा भारी है।

दूसरी तरफ लोबिन हेंब्रम ने राजमहल सीट को भी दिलचस्प बना दिया है लोबिन के निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद सबसे ज्यादा तनाव में झामुमो है, क्या विजय हांसदा के विजय रथ को लोबिन इस बार रोक देंगे या ताला मरांडी दोनों विरोधियों को हराते हुए राजमहल लोकसभा सीट से जीत हासिल कर पाएंगे।

यह अभी से कह पाना आसान नहीं है .राजमहल की जनता अभी भी विजय हांसदा के साथ दिखाई दे रही है लेकिन लोबिन को भी कम कर आंकना आसान नहीं होगा।

राजमहल के ग्रामीण इलाकों में लोबिन की अच्छी पकड़ है तो दूसरी तरफ ताला मरांडी भी शहरी और ग्रामीण इलाकों में अच्छी पकड़ रखते हैं ऐसे में राजमहल में त्रिकोणीय मुकाबला आने वाले वक्त में क्या रंग लगा यह देखना दिलचस्प होगा।

सबसे मजेदार लड़ाई गिरिडीह में देखने को मिल सकती है जहां युवाओं के नए नेता जयराम महतो ने चंद्र प्रकाश चौधरी और मथुरा महतो के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है ।

गिरीडीह के युवा पूरी तरह से जयराम महतो के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं लेकिन क्या यह संख्या जयराम महतो को संसद पहुंचा देगी या नहीं फिलहाल नहीं कहा जा सकत।

दूसरी तरफ मथुरा महतो और चंद्रप्रकाश चौधरी 2024 के लोकसभा चुनाव में जयराम महतो को फैक्टर ही नहीं मानते हैं। आने वाला वक्त इन दोनों के विचार को कितना सही बताया यह देखने वाला विषय है।

इसके अलावा झारखंड में 2 अन्य सीट धनबाद और चतरा में भी मुकाबला त्रिकोणीय होने की प्रबल संभावना है. लेकिन उम्मीदवारों के आधिकारिक तौर पर ऐलान के बाद ही चतरा और धनबाद में मामला स्पष्ट हो पाएगा.

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